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एस धम्मो सनंतनो
स्थविर की यह करुणासिक्त वाणी, यह शून्यसिक्त संदेश उसके श्वास-श्वास में समा गया। वह संवेग को उत्पन्न हुआ। वह रोमांचित हुआ। उसके प्राणों में ध्यान की स्मृति फिर ताजी और हरी हो गयी। वह तत्क्षण ऐसे ध्यान को उपलब्ध हो गया, जैसे कि कोई स्वप्न से जागे।
जल्लाद उसे वधस्थल पर ले जाकर मारना चाहे, तो मार न सके। वह ऐसा ज्योतिर्मय हो उठा था! उसकी प्रभा अदभुत थी। उसकी शांति ऐसी थी कि कोई चाहे, तो छू ले! उसका अहोभाव ऐसा था कि जल्लाद भी अनदेखा न कर सके। और उसे अब कोई भय भी नहीं था।
ध्यान में भय कहां? ध्यान में मृत्यु ही कहां?
उसकी वह अपूर्व दशा, वह आनंद दशा ऐसी थी कि जल्लाद बजाय उसकी गरदन काटने के उसके चरणों में झुक गए। यह खबर राजा तक पहुंची। राजा स्वयं अपनी आंखों से देखने आया। ऐसा अलौकिक सौंदर्य देख, आश्चर्यचकित हो, उसने बंदी को छोड़ देने की आज्ञा दी।
फिर राजा उसे लेकर बुद्ध के चरणों में उपस्थित हुआ। यह रूपांतरण कैसे हुआ? क्षणभर में! महाकाश्यप का एक वचन सुनकर! इतनी सी बात से-कि स्मरण कर, पूर्व के ध्यानों का स्मरण कर; यह जागरण फलित हो गया?
ऐसे वचन तो, राजा ने कहा, मैंने भी बहुत बार सुने हैं, फिर मुझे जागरण क्यों फलित नहीं हुआ? महाकाश्यप के प्रवचन मैं भी सुनता हूं, फिर मैं क्यों अंधा का अंधा हूं? और यह महापापी है, फिर ऐसी क्रांति! भिक्षु था पहले यह-सुना मैंने। फिर पतित हुआ; भ्रष्ट हुआ; एक स्त्री के मोह में पड़ा। फिर और पतित हुआ। फिर चोर बना। अब रंगे हाथों पकड़ा गया है। मृत्युदंड दिया था इसे। और महाकाश्यप का एक वचन सुनकर कि ध्यान को स्मरण कर, स्मरण कर पूर्व के ध्यानों को, एकदम ज्योतिर्मय हो उठा! जहां अमावस थी, वहां पूर्णिमा हो गयी।
राजा पूछने लगा बुद्ध को कि मैं जानना चाहता हूं प्रभु! यह कैसे हुआ? बुद्ध ने कहाः ध्यान के जादू से। और फिर बंदी की ओर उन्मुख होकर ये गाथाएं कहीं।
इन गाथाओं को सुन और भगवान की सन्निधि पुनः पा वह बंदी तत्क्षण अर्हत्व को उपलब्ध हआ अर्थात उसका ध्यान समाधि बन गया।
पहले इस दृश्य को ठीक से हृदय में बैठ जाने दें, फिर हम सूत्रों में जाएंगे। भगवान वेणुवन में विहार करते थे।
विहार शब्द विशिष्ट अर्थ वाला है। विहार का अर्थ होता है : जो मिट गया और फिर भी जी रहा है। जिसकी जीने में कोई वासना नहीं रही। जो जीने के लिए एक क्षण भी आतुर नहीं है, फिर भी जी रहा है। ___ विहार का अर्थ है : जिसका जीवन-कार्य पूरा हो गया है, लेकिन अतीत की शारीरिक संपदा के कारण जी रहा है। जैसे तुम साइकिल चलाते हो, पैडल मारते