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एस धम्मो सनंतनो
किसी स्त्री के प्रेम में पड़े, वर्षों तक यह प्रेम चल सकता है और वर्षों तक तुम सुख इससे पा सकते हो। लेकिन फिर भी जो वचन है, वह सही है कि सुख क्षणभंगुर है। उसका मतलब इतना ही है कि ये वर्ष तुम्हें ऐसे लगेंगे, जैसे क्षण जैसे बीत गए।
तुमने हिंदी फिल्मों में देखा होगा : कैलेंडर में से तारीखें एकदम उड़ती जाती हैं! एकदम हवा तारीखों को उड़ाए जाती है। ऐसा ही सुख में तारीखें उड़ जाती हैं। सुख हिंदी फिल्मों जैसा है। दिन गुजरते हैं; महीने गुजरते हैं; वर्ष गुजरते हैं; मगर इतनी तेजी से गुजरते हैं!
सुख अपने स्वभाव के कारण समय को छोटा कर देता है। फिर आनंद की तो बात ही अलग। आनंद का तो अर्थ है : परम सुख।
सुख का अर्थ है : दुख गया, मगर राह देख रहा है किनारे पर खड़ा, कि कब सुख से आपका छुटकारा हो, तो मैं फिर आऊं। कभी ज्यादा दूर नहीं जाता। सुख में दुख ज्यादा दूर नहीं जाता। ऐसे दरवाजे के पास खड़ा हो जाता है निकलकर, कि ठीक है; आप थोड़ी देर सुख भोगो। फिर मैं आ जाऊं।
सुख और दुख साथ-साथ हैं। आनंद का अर्थ है : दुख सदा को गया। और जब दुख ही चला गया सदा को, तो सुख भी चला गया सदा को। सुख दुख का जोड़ा है। वे साथ-साथ हैं। आनंद तो एक परम शांति की दशा है-जहां न दुख सताता, न सुख सताता। जहां कोई सताता ही नहीं। जहां कोई उत्तेजना नहीं होती। सुख की भी उत्तेजना है।
तुमने देखा कभी-कभी तो सुख की उत्तेजना दुख से ज्यादा हो जाती है। अब एकदम तुमको लाटरी मिल जाए, तो हार्टफेल हो जाए। सुख में कभी-कभी लोग मर जाते हैं, हृदय का दौरा पड़ जाता है। सम्हाल ही नहीं पाते, इतनी उत्तेजना हो जाती है। हृदय इतने जोर से धड़कता है कि कुछ धड़कन बीच में खो जाती है, कि ठप्प हो जाती है।
मैंने सुना है : एक आदमी हर महीने एक रुपए की टिकट लाटरी की खरीद लेता था। कभी उसको मिली नहीं थी। किसको मिलती है! मगर इस आशा में खरीद रहा था बीस साल से। और अगर तुम किसी चीज के पीछे चलते ही रहो, चलते ही रहो, तो सावधान रहना-कभी मिल सकती है।
वासना करने का सब से बड़ा खतरा यह है कि कभी पूरी हो सकती है; तब असली अड़चन आती है। जब तक पूरी नहीं होती है, ठीक है। एक रुपया ही जाता था। कोई बड़ा भारी दुख नहीं हो जाता था। एक रुपए के जाने में कोई मरता, कि कोई जीता! एक रुपया गया, कोई हर्जा नहीं था। आदी हो गया था। हर महीने एक रुपए की खरीद लेता था। बात खतम हो गयी। __एक आदत थी, एक शगल बन गयी थी, एक व्यसन। ठीक था। मगर एक दिन खबर आ गयी; आदमी आया खबर लेकर लाटरी के दफ्तर से। पतिदेव तो गए थे
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