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________________ एस धम्मो सनंतनो करता रहेगा? मैं ऐसी जमीनें जानता हूं, जो सोना उगलती हैं। मैं ऐसी जमीनें जानता हूं, जो हीरे उगलती हैं। ___वह तो प्रतीक की भाषा बोल रहा था। वह तो यह कह रहा था कि बड़ी उपजाऊ जमीन मैं जानता हूं। लेकिन उस रात किसान सो न सका। सपने आने लगे उसे कि फिर मैं भी इस जमीन को बेच-बाचकर ऐसी जमीन खोजूं, जो हीरा उगलती है, सोना उगलती है। ___ तो उस जमीन को उसने बेच दिया, और गया खोज में ऐसी जमीन की, जहां हीरे उगले जाते हैं। वह हीरों की खोज में भटकता रहा, भटकता रहा। उसके सब पैसे खतम हो गए। कहीं ऐसी कोई जमीन न मिली, जो हीरे उगलती हो। हीरे की पहचान ही नहीं थी...। मीरा ने कहा नः जौहरी होना चाहिए। जौहरी की गति जौहरी जाने, घायल की गति घायल जाने। जिस खेत को छोड़ आया है, उसमें हीरा मिला था। वह उसके बच्चे खेलते थे। और संसार का सब से बड़ा हीरा साबित हुआ। और वह तलाश में घूम रहा था ऐसी जमीन की, जहां हीरे उगले जाते हों! सब पैसे खतम हो गए। जो जमीन बेच दी थी, वह सब फिजूल चली गयी। __ थका-हारा, बरबाद होकर घर वापस लौटा। लेकिन इन हीरों की तलाश में कई जौहरियों से मिलना हो गया था रास्ते में, मार्ग में। हीरे खोजता फिरता था, तो जौहरियों से भी बात करनी पड़ी। जब तुम परमात्मा को खोजने निकलोगे, तो सदगुरु भी मिल ही जाएंगे, साधु-संग भी होगा। क्योंकि परमात्मा को खोजोगे कहां! जब आदमी हीरा खोजता है, तो जौहरियों से पूछेगा। तो धीरे-धीरे थोड़ी हीरें की परख भी आ गयी। घर लौटकर आया, बच्चे हीरे से खेल रहे थे। वह तो नाचने लगा। वह तो पागल हो गया। उसने कहाः हद्द हो गयी! यह पत्थर तो मैं ही लाया था वर्षों पहले! वह पत्थर बिका। आज वही दुनिया का सब से बड़ा हीरा है। फिर उसने लाख कोशिश की कि उसका खेत उसे वापस मिल जाए। फिर उसे वापस नहीं मिल सका। क्योंकि खबर उड़ गयी कि वहां हीरे हैं। वहीं गोलकुंडा की पहली खदान बनी, जहां से संसार के श्रेष्ठतम हीरे निकले। वह एक किसान ने बेच दी थी-हीरों की तलाश में। अंधा आदमी और क्या करे! ____ मगर उस एक हीरे से ही इतना मिल गया कि जन्मों-जन्मों तक नहीं चुका होगा। कई पीढ़ियां प्रसन्नता से जी ली होंगी। उस हीरे का जितना वजन था, आज जो कोहिनूर हीरा है, उसका वजन सिर्फ एक तिहाई बचा है। लेकिन कीमत करोड़ों गुना ज्यादा हो गयी है। बात क्या हुई? उसको बार-बार निखारा गया है, बार-बार तराशा गया है। तराशते-तराशते उसका वजन तो कम हो गया, लेकिन उसका सौंदर्य बहुत 40
SR No.002388
Book TitleDhammapada 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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