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एस धम्मो सनंतनो
मगर आमतौर से, तुमने कहानियां सुनी हैं...। सूरदास के साथ किन्हीं ने कहानी जोड़ रखी है। अगर कहानी सच है, तो सूरदास गलत थे। अगर सूरदास सही थे, तो कहानी गलत होनी चाहिए। कि एक सुंदर स्त्री को देखकर वे मोहाविष्ट हो गए। उन्होंने आंखें फोड़ लीं।। ___ आंखें फोड़ने से कैसे सुंदर स्त्री से मुक्त हो जाओगे? रात आंखें तो बंद हो जाती हैं, सपने तो चलते हैं, और प्रगाढ़ होकर चलते हैं। आंख के जाने से कुछ सपने तो बंद नहीं हो जाएंगे। आंख रहती है, तो कभी-कभी सपने बंद भी हो जाते हैं। क्योंकि जिंदगी में और चीजें भी देखने को मिलती हैं।
अगर सूरदास ने किसी सुंदर स्त्री से भयभीत होकर आंखें फोड़ ली थीं, तो फिर आंखें फूट जाने के बाद सिवाय उस सुंदर स्त्री के कुछ भी नहीं दिखायी पड़ेगा। वही-वही दिखायी पड़ेगी। और जिस स्त्री के लिए आंखें फोड़ लीं, उस स्त्री से लगाव बड़ा गहरा हो गया। इतना त्याग किया उस स्त्री के लिए! उस स्त्री के लिए इतनी कुरबानी की! इससे तो गठबंधन गहरा हो जाएगा। इससे तो अब कुछ और याद ही नहीं आएगा। यही स्त्री, यही स्त्री, याद आएगी।
और बंद आंखें हैं, तो स्त्री रोज-रोज सुंदर होती जाएगी। क्योंकि तुम रोज-रोज रंग-तूलिका लेकर उसे रंगते रहोगे। अगर आंखें खुली होती, तो एक न एक दिन स्त्री की कुरूपता भी दिखायी पड़ती। क्योंकि जहां सौंदर्य है, वहां कुरूपता भी है। और अगर आंखें खुली रहतीं, तो यह स्त्री जवान थी, किसी दिन बूढ़ी भी होती। जवानी कितनी देर टिकती है! क्षणभंगुर है।
मगर एक दफे आंखें फूट गयीं, तो अब सूरदास ने जिस स्त्री को चाहा था, यह सदा जवान रहेगी; अब बूढ़ी नहीं हो सकती। अब अटक गए।
सपने की स्त्रियां कभी बूढ़ी क्यों हों? और अब स्त्री तो बूढ़ी हो चुकी होगी। लेकिन सूरदास तो उसी स्त्री को याद करेंगे जो जवान थी; जिसे देखकर आंखें फोड़ ली थीं। जिससे इतने घबड़ा गए थे; जिससे इतने आंदोलित हो गए थे; जिससे इतने विचलित हो गए थे—उससे तो गठबंधन हो गया।
नहीं तो मैं कहता हूं, अगर सूरदास सही हैं, तो यह कहानी गलत है। और अगर कहानी सही है, तो सूरदास गलत हैं। अगर कहानी सही है, तो फिर सूरदास वह जो कृष्ण की महिमा गा रहे हैं, वह कृष्ण की नहीं, उसी स्त्री की महिमा होगी। ___ और अगर सूरदास सही हैं और कृष्ण की महिमा सही है, तो किसी स्त्री के लिए क्या आंख फोड़ेंगे! उस स्त्री में कृष्ण का ही दर्शन होगा। जहां सौंदर्य होगा, वहीं परमात्मा का दर्शन होगा।
संवर को उपलब्ध होने वाला आदमी आंख को निखारता है; आंख को खोलता है; ठीक से देखना सीखता है। अंधा नहीं हो जाता। और न आंख को झुकाता है।
प्रसिद्ध झेन कथा है, जो मैंने तुमसे बहुत बार कही है। दो भिक्षु एक नदी के
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