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एस धम्मो सनंतनो
तृतीय दृश्यः
भगवान सर्वप्रथम ऋषिपत्तन मृगदाय में—जिसे अब सारनाथ कहते हैंपंचवर्गीय भिक्षुओं को उपदेश देने के लिए उरुवेला से काशी की ओर आ रहे थे। मार्ग में उन्हें एक आजीवक मिला। वह तथागत को देखकर बोला : आवुस! तेरी इंद्रियां परिशुद्ध और विमल हैं; तुम किसे उद्देश्य कर प्रव्रजित हुए हो? कौन तुम्हारे शास्ता, कौन तुम्हारे गुरु? या तुम किसके धर्म को मानते हो? ऐसा पूछा। तब शास्ता ने कहाः मेरे आचार्य या उपाध्याय नहीं हैं। मेरा कोई धर्म नहीं है। मेरे जीवन में कोई उद्देश्य नहीं है। तब उन्होंने यह गाथा कही:
सब्बाभिभू सब्बविदूहमस्मि सब्बेसु धम्मेसु अनूपलित्तो। सब्बञ्जहो तण्हक्खये विमुत्तो सयं अभिजाय कमुद्दिसेय्यं ।।
_ 'मैं सभी को परास्त करने वाला हूं। मैं सब जानता हूं। मैं सभी धर्मों-तृष्णा इत्यादि-से अलिप्त हूं। सर्वत्यागी हूं। तृष्णा के नाश से मुक्त हूं। स्वयं ही विमल ज्ञान को जानकर किसको गुरु कहूं, किसको शिष्य सिखाऊं!'
यह बड़ा अपूर्व वचन है। पहले तो दृश्य को ठीक से समझ लें।
बुद्ध ने परम ज्ञान के पहले छह वर्ष तक महा तपश्चर्या की। बहुत गुरुओं के पास गए। बहुत गुरुओं की सेवा में रहे। जो-जो कहा गया, वही किया। जिसने जो साधना बतायी, वही साधी। और हर साधना के बाद पायाः संसार समाप्त नहीं हुआ। हर साधना के बाद पाया कि मूल रोग मिटा नहीं; अहंकार शेष है।
हर गुरु से उन्होंने कहा ः अहंकार मिटा नहीं। आपने जो कहा, सब मैंने किया! और उन्होंने किया इतनी निष्ठा से था कि कोई गुरु यह नहीं कह सका कि तुमने ठीक से नहीं किया, इसलिए अहंकार नहीं मिटा। उनकी निष्ठा अपूर्व थी। उन्होंने जो किया, समग्र भाव से किया। इसलिए कोई गुरु यह न कह सका।
नहीं तो गुरु को एक सुविधा रहती है कि हम क्या करें! जो कहा, वह तुमने किया नहीं, इसलिए हुआ नहीं। बुद्ध से यह बात कही नहीं जा सकती थी। इसी बात के कारण दुनिया में झूठे गुरु भी चल जाते हैं। यह बात बड़ी तरकीब की है।
किसी ने तुमसे कहा कि देखो, ध्यान करो। लेकिन मंत्र पढ़ते वक्त बंदर का स्मरण मत करना। अब तुम बैठे ध्यान करने। बंदर का स्मरण आने वाला है। अब तुम लाख उपाय करो, जितने तुम उपाय करोगे, उतना ही बंदर का स्मरण आएगा।
और तुम गुरु से जाकर कहोगे क्या करूं, कुछ हो नहीं रहा है! वह कहेगा : मैं भी क्या करूं। शर्त पूरी नहीं कर रहे हो। वह बंदर का स्मरण नहीं आना चाहिए।
ऐसी अस्वाभाविक शर्ते बांध रखी हैं, जिनके कारण तुम कभी इस स्थिति में
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