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________________ एस धम्मो सनंतनो कोई परिणाम होता है। और सुनते-सुनते तुम इन बातों के आदी हो गए हो। अब न तुम्हें स्वर्ग की चिंता है, न तुम्हें नर्क का कोई भय है। अब तुम कहते हो, जब होगा तब होगा, अब हम जानते हैं कि हमसे तो निकलते नहीं बनता इस कीचड़ से, तुम्हारे भय और तुम्हारे लोभ तुम समझो! लेकिन पुराना महावत आया। उसने कुछ और किया। उसने बड़ी अदभुत बात की। यह छोटी सी घटना है, मैं चाहता हूं ताकि तुम समझ सको कि छोटी-छोटी घटना से खूब निचोड़ा जा सकता है। राजा ने पुराने महावत को बुलाया। सोचा शायद वही काम आ सके। पुराना महावत वैसा ही वृद्ध हो गया है जैसा हाथी। दोनों साथ-साथ बड़े हुए, साथ-साथ बूढ़े हो गए हैं। दोनों के जीवन का संग-साथ का अनुभव है। एक-दूसरे से पहचान है। एक-दूसरे को जानते हैं। एक-दूसरे से बहुत गहरी मैत्री है। एक-दूसरे की चेतना से संबंध है। जानता है बूढ़ा महावत कि इस हाथी पर कौन सी बात काम करेगी! इसने देखा है उसको युद्धों के मैदानों में! इसने कई बार वे क्षण भी देखे होंगे जब हाथी कमजोर पड़ा जाता था, लहूलुहान हो गया था, और बजा नगाड़ा और हाथी भूल गया लहूलुहान होना और फिर दौड़ पड़ा, फिर जूझ गया! इसे याद होंगे वे दिन। यह जानता है इस हाथी को कि एक ही बात इसको बाहर निकाल सकती है कि इसका योद्धा जाग जाए, इसका संकल्प प्रज्वलित हो जाए। एक ही बात इसे बाहर ला सकती है कि यह भूल जाए कि मैं यह जीर्ण-जर्जर देह हूं, इसे याद आ जाए कि मैं आत्मवान हूं। और यह बूढ़ा महावत जब से अवकाश प्राप्त हुआ, राजा की नौकरी से छूटा, तब से बुद्ध के सत्संग में रहा था, वह सत्संग भी शायद उसे यह बोध दे गया हो। यह कहानी जुड़ी है। शायद बूढ़े महावत ने बुद्ध से सीखा हो और फिर बुद्ध ने बूढ़े महावत को हाथ में लेकर अपने और भिक्षुओं को भी जगाने की कोशिश की। बूढ़ा महावत बुद्ध के पास जाता है, सुनता है, बैठता है। उसे शायद याद आया हो, बुद्ध किस तरह जगाते हैं! कीचड़ में ही तो फंसे हैं लोग! किस तरह पुकारते हैं! किस तरह बजाते हैं नगाड़े युद्ध के! किस तरह फुसलाते हैं तुम्हारे भीतर की आत्मा को! किस तरह तुम्हें स्मरण दिलाते हैं कि तुम कौन हो? अमृतस्य पुत्रः! कि तुम अमृत के पुत्र, तुम मृत्यु की कीचड़ में दबे पड़े हो! पुकारते हैं कि देख तू कौन है! भगवान स्वयं तू है, और इस छोटी सी बात से नहीं छूट पा रहा है! ____ इस भेद को समझना। बुद्ध न तो भय देते हैं, न लोभ देते हैं। बुद्ध तो सिर्फ तुम्हें स्मृति देते हैं। इसलिए बुद्ध की भाषा में सबसे महत्वपूर्ण जो शब्द है, वह है सम्यक-स्मृति। तुम्हें स्मरण आ जाए कि तुम कौन हो। .. ___ तुमने प्रसिद्ध कहानी सुनी होगी—विवेकानंद को बहुत प्रिय थी—कि जंगल में एक शेरनी गर्भवती थी, छलांग लगाती थी एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर और 330
SR No.002387
Book TitleDhammapada 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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