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________________ हम अनंत के यात्री हैं अगर अतीत में ऐसा हुआ, इससे तुम एक अनुभव लो कि मैं अपने को बदल लूं-तुम अपने को बदल सकते हो, तुम भविष्य हो, तुम अभी हुए नहीं, हो रहे हो, इस में बदलाहट हो सकती है-अगर तुम बदल जाओ तो पश्चात्ताप बड़ा बहुमूल्य है। नमाज से ज्यादा नमाज न हुई उसका पश्चात्ताप है। छठवां प्रश्नः भगवान बुद्ध ने आनंद से कहा कि स्थान बदलने से समस्या हल होने वाली नहीं है। फिर आप क्यों बार-बार स्थान बदल रहे हैं? | प| ह ली तो बात, भगवान बुद्ध एक स्थान पर दो-तीन सप्ताह से ज्यादा नहीं -रहते थे। मैं एक-एक जगह चार-चार, पांच-पांच साल टिक जाता हूं, सो यह तुम दोष मुझ पर न लगा सकोगे कि मैं बार-बार स्थान क्यों बदल रहा हूं। भगवान बुद्ध तो जिंदगीभर बदलते रहे। लेकिन उन्होंने भी समस्या के कारण नहीं बदला और मैं भी समस्या के कारण नहीं बदल रहा हूं। जब आनंद ने कहा उनसे कि हम दूसरे गांव चले चलें, क्योंकि इस गांव के लोग गालियां देते हैं, तो उन्होंने नहीं बदला। इस कारण नहीं बदला। उन्होंने कहा, इस कारण बदलने से क्या सार! इसका मतलब यह मत समझना कि वह स्थान नहीं बदलते थे। स्थान तो बदलते ही थे, बहुत बदलते थे, लेकिन इस कारण उन्होंने कहा स्थान बदलना गलत है। ___उस स्थान से भी बदला उन्होंने, आखिर गए उस जगह से, लेकिन तब तक न गए जब तक यह समस्या बहुत कांटे की तरह चुभ रही थी और भिक्षु बदलना चाहते थे-तब तक नहीं गए। जब भिक्षुओं ने उनकी बात सुन ली और समझ ली .और भिक्षु राजी हो गए और धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने लगे, जब भिक्षुओं के मन में यह बात ही नहीं रही कि कहीं और चलें, तब चले गए। मगर वे समस्या के कारण नहीं गए। मैं भी समस्या के कारण नहीं बदलता। समस्या तो सब जगह बराबर है। सच तो बात यह है कि जहां दो-चार-पांच साल रह जाओ, वहां समस्याएं कम हो जाती हैं। लोग राजी हो जाते हैं क्या करोगे! ___मैं वर्षों जबलपुर था, लोग धीरे-धीरे राजी हो गए थे, वे समझते थे कि होगा, दिमाग खराब होगा इनका। जिनको सुनना था, सुनते थे; जिनको नहीं सुनना था, नहीं सुनते थे; बात तय हो गयी थी कि ठीक है, अब क्या करोगे इस आदमी का! शोरगुल मचा लिया, अखबारों में खिलाफ लिख लिया, जुलूस निकाल लिए, क्या 301
SR No.002387
Book TitleDhammapada 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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