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एस धम्मो सनंतनो कहेगा, जब उसके पास ताकत होगी। क्योंकि अभी तो कहेगा तो पिटेगा।
मुझे जब पहली दफा मंदिर ले जाया गया और मुझे कहा गया कि झुको, तो मैंने कहा, मुझे झुका दो। मेरी गर्दन पकड़कर झुका दो। क्योंकि मुझे कुछ झुकने योग्य दिखता नहीं यहां! क्योंकि जिस मंदिर में मुझे ले जाया गया था, वह मूर्तिपूजकों का मंदिर नहीं है, वहां सिर्फ ग्रंथ होते हैं मंदिर में। मैं जिस परिवार में पैदा हुआ, वह मूर्तिपूजक नहीं है, वह सिर्फ ग्रंथ को पूजता है। तो वहां वेदी पर किताब रखी थी। मैंने कहा, मैं किताब को क्यों झुकू? किताब में क्या हो सकता है? कागज हैं और स्याही है, इससे ज्यादा तो कुछ भी नहीं हो सकता। फिर अगर आपकी मर्जी है, तो झुका दो, आपके हाथ में ताकत है, मैं छोटा हूं अभी तो कुछ कर नहीं सकता, लेकिन बदला लूंगा इसका।
पर मैं कहूंगा कि मुझे अच्छे बड़े-बूढ़े मिले, मुझे झुकाया नहीं गया। उन्होंने कहा, तब ठीक है, जब तेरा मन हो तब झुकना। जब तेरी समझ में आए तब झुकना। फिर मुझे मंदिर नहीं ले जाया गया। और उसके कारण अब भी मेरे मन में अपने बड़े-बूढ़ों के प्रति श्रद्धा है। अगर मुझे झुकाया होता, मेरे साथ जबर्दस्ती की होती, तो उस किताब के प्रति तो मेरी श्रद्धा पैदा हो ही नहीं सकती थी, इनके प्रति भी अश्रद्धा पैदा हो जाती। मुझे लगता कि ये हिंसक लोग हैं और अहिंसा परमो धर्मः इनके मंदिर पर लिखा है। और ये हिंसक लोग हैं, एक छोटे बच्चे के साथ हिंसा कर रहे हैं, उसे जबर्दस्ती झुका रहे हैं, और दीवाल पर लिखा है-अहिंसा परमो धर्मः, अहिंसा परम धर्म है, यह कैसी अहिंसा! मुझे हजार संदेह खड़े होते। उन्होंने नहीं झुकाया, संदेह भी खड़े नहीं हुए!
खयाल रखना, किसी पर जबर्दस्ती थोपना मत। थोपने का ही प्रतिकार है संदेह। फिर एक दफा संदेह उठ गया तो बड़ी अड़चन हो जाती है। जब संदेह मजबूत हो जाता है, तो फिर तुम बुद्ध के पास भी चले जाओ, तो भी संदेह उठेगा। जिसका अपने मां-बाप पर भरोसा खो गया, उसका अस्तित्व पर भरोसा खो जाता है। फिर वह किसी पर भरोसा नहीं कर सकता। वह कहता है, जब अपने मां-बाप धोखा दे गए...। ____ मुल्ला नसरुद्दीन का छोटा बच्चा एक सीढ़ी चढ़ रहा था और मुल्ला वहीं खड़ा था। उसने कहा कि बेटा कूद पड़! सीढ़ी से कूद पड़! वह बेटा डरा और उसने कहा, कूदूंगा तो लग जाएगी, चोट लग जाएगी। उसने कहा, मैं तेरा पिता खड़ा हूं सम्हालने को, तू डरता क्यों है? बाप पर भरोसा करके बेटा कूद गया और मुल्ला सरककर खड़ा हो गया। भड़ाम से वह नीचे गिरा। दोनों घुटने छिल गए, वह रोने लगा। और उसने कहा कि पिताजी, यह क्या बात है? आपने मुझे धोखा दिया। मुल्ला ने कहा कि हां, एक पाठ है, दुनिया में खयाल रखना, किसी की मानना मत। अपने बाप की भी मत मानना, यहां दुनिया बड़ी धोखेबाज है। मैं तेरा बाप हूं, मेरी भी मत मानना कभी। इसीलिए हट गया। यह तुझे एक पाठ दिया।
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