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________________ एस धम्मो सनंतनो दुनियाभर में जितनी अश्लील पत्रिकाएं छपती हैं और अश्लील किताबें लिखी जाती हैं, उन सबमें बड़े स्तनों पर बड़ा आग्रह है। अमरीका में तो अब यह है कि अगर स्तन छोटा हो तो लोग इंजेक्शन ले रहे हैं-सिलिकान का इंजेक्शन–ताकि स्तन बड़ा हो जाए, सुडौल हो जाए, फूल जाए। जबर्दस्ती फूल जाए तो भी चलेगा। कृत्रिम औषधि से फूल जाए तो भी चलेगा। मगर स्तन फूला हुआ होना चाहिए, क्योंकि पुरुष उसमें आकर्षित है। पुरुष स्तन में आकर्षित है, स्त्रियां भी स्तन में आकर्षित हैं। तो स्तन को सम्हाले रखने के लिए न-मालूम कितने तरह की ब्रा बनती हैं। स्तन को बड़ा दिखाने के लिए न-मालूम कितने तरह की पैडिंग की जाती है। छिपाती भी हैं स्त्रियां स्तन को और दिखाती भी हैं। एक बड़ा खेल चलता है। छिपाती भी हैं और दिखाती भी हैं। इस बात को खयाल में रखना। छिपा-छिपाकर दिखाती हैं, दिखा-दिखाकर छिपाती हैं। स्त्रियों को भी पता है, पुरुषों को भी पता है। लेकिन यह बड़ी बचकानी दुनिया है। इसका मतलब इस दुनिया में कोई बढ़ता ही नहीं, प्रौढ़ होता ही नहीं। और यह मैंने सिर्फ उदाहरण के लिए कहा। इसी तरह सारी चित्त की दशा है। तुम वहीं उलझे हो, जहां से कभी के पार हो चुकना था। तुम वहां अटके हो, जहां से तुम सोचते हो पार हो चुके हो। ट्रांजेक्शनल एनालिसिस कहती है, अपने चित्त का ठीक से विश्लेषण किया जाए, अपने कृत्यों की...ट्रांजेक्शन का मतलब होता है, तुम जो कृत्य कर रहे हो दूसरों से संबंधित होने में, अंतर्संबंधों में तुम्हारे जो कृत्य हो रहे हैं, ट्रांजेक्शन जो हो रहा है, जो तुम्हारा लेन-देन हो रहा है दूसरों से, उस लेन-देन में ठीक से अगर विश्लेषण किया जाए, तो तुम पाओगे कि तुम अपने बचपन में अभी भी उलझे हो, वहां से तुम निकल नहीं पाए; शरीर बड़ा हो गया है, तुम्हारी चेतना विकसित नहीं हो पायी। तुम्हारी आत्मा छोटी रह गयी है। इस छोटी आत्मा को मुक्त करना है। इसे कारागृह के बाहर लाना है। __ इसको कारागृह के बाहर लाने का उपाय है-मातरम् पितरम् हत्वा, तुम माता-पिता के हंता हो जाओ। इसलिए बुद्ध ने कहा अपने भिक्षुओं को कि देखते हो इस भिक्षु को! यह महाभाग्यशाली है, यह अपने माता-पिता की हत्या करके परमसुख को उपलब्ध हो गया है। जिस दिन तुम माता-पिता से मुक्त हुए, तुम संसार से मुक्त हुए। माता-पिता तुम्हारे संसार का द्वार हैं। उन्हीं के कारण तुम संसार में आए हो, उन्हीं के सहारे संसार में आए हो। जिस दिन उनसे मुक्त हो गए, उस दिन तुमने निर्वाण के द्वार में प्रवेश कर लिया। ट्रांजेक्शनल एनालिसिस अभी प्रारंभिक है। बुद्ध का सूत्र अंतिम है, आखिरी है। इसलिए मैंने कहा कि अगर ट्रांजेक्शनल एनालिसिस के अनुयायियों को बुद्ध के 112
SR No.002387
Book TitleDhammapada 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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