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मातरम् पितरम् हत्वा
जब तक कोई सलाह मांगे नहीं, तब तक देना मत। और जब कोई सलाह मांगे, तो तभी देना जब तुम्हारे जीवंत अनुभव से निकलती हो। तो किसी के काम पड़े। तो किसी के जीवन में राह बने। तो किसी के अंधेरे में दीया जले।
ये दो कसौटी खयाल रख लेना। पहले तो बिन मांगी सलाह देना मत। क्योंकि बिन मांगी सलाह कोई पसंद नहीं करता, अपमानजनक है। बिन मांगी सलाह का मतलब होता है कि तुम दूसरे को अज्ञानी सिद्ध करने की कोशिश कर रहे हो। दूसरे के अहंकार को चोट लगती है। वह तुमसे बदला लेगा। तुम्हारी सलाह से उसे तो कोई लाभ न होगा, शायद तुम्हें हानि पहुंचाए। सलाह देने वालों को लोग माफ नहीं कर पाते।
तो पहले तो बिन मांगी सलाह देना मत। और सौ में निन्यानबे सलाहें बिन मांगी दी जाती हैं। फिर अगर कोई मांगे भी, तो विचार कर लेना कि तुम्हारी अपनी अनुभूति क्या है। अपनी अनुभूति के विपरीत सलाह मत देना। अगर तुम ये दो बातें करने में सफल हो जाओ तो न तो तुम किसी को हानि पहुंचा सकोगे, न तुम किसी का अपमान करोगे, न तुम लोगों का मन व्यर्थ कचरे से भरोगे। यह कुशलता छोड़ो! यह कुशलता काम की नहीं है! यह गले में फांसी है तुम्हारे। और अगर ये दो बातें तुमने ध्यान में रखी तो तुम्हारे जीवन में धीरे-धीरे निखार आएगा, क्योंकि तुम वही करोगे जो कहोगे, और वही कहोगे जो तम करोगे। __ जब किसी व्यक्ति के जीवन में कृत्य में और विचार में तालमेल हो जाता है तो परम संगीत पैदा होता है। नहीं तो ऐसा ही समझो कि तबला एक ढंग से बज रहा है
और सितार एक ढंग से बज रहा है, दोनों में कोई तालमेल नहीं है। बेसुरापन है। ऐसे तुम्हारे विचार एक ढंग से चल रहे हैं और तुम्हारा जीवन एक ढंग से चल रहा है। दोनों में कोई तालमेल नहीं है। बैलगाड़ी में जुते बैल, एक इस तरफ को जा रहा है, एक उस तरफ को जा रहा है; और बैलगाड़ी की दुर्दशा हुई जा रही है। जीवन में संगीत तभी पैदा होता है, शांति तभी पैदा होती है, सुख तभी पैदा होता है, जब तुम्हारे विचार और जीवन में एक तालमेल होता है, एक सामंजस्य होता है, एक समन्वय होता है। ___ वही कहो जो तुमने जाना हो। ईमानदार बनो। अगर तुमने ईश्वर को नहीं जाना है तो भूलकर किसी से मत कहना कि ईश्वर है। कहना कि मैं खोजता हूं, अभी मुझे मिला नहीं, तो कैसे कहूं! मिल जाएगा तो निवेदन करूंगा। या इसके पहले तुम्हें मिल जाए तो मुझ पर दया करना, मुझे खबर देना। अपने छोटे बच्चों से भी यही कहना कि ईश्वर को खोजता हूं, अभी मुझे मिला नहीं। बेटे, शायद तुझे मिल जाए, मुझसे पहले मिल जाए-कौन जाने तो मुझे याद रखना, मुझे बता देना। तेरा पिता अभी भी अंधेरे में है! तेरी मां अभी भी भटकती है!
काश, तुम अपने बच्चों के प्रति इतने सच्चे हो सको, अपने पड़ोसियों के प्रति