________________
आचरण बोध की छाया है
तम के पथ पर तुम दीप जला धर गए कभी किरणों की गलियों में काजल भर गए कभी तुम जले बुझे प्रिय बार-बार, इस पार कभी उस पार कभी।
फूलों की टोली में मुस्काते कभी मिले शूलों की बांहों में अकुलाते कभी मिले तुम खिले झरे प्रिय बार-बार,
इस पार कभी उस पार कभी।
तुम बनकर स्वप्न थके, सुधि बनकर चले साथ धड़कन बन जीवनभर तुम बांधे रहे गात तुम रुके चले प्रिय बार-बार,
इस पार कभी उस पार कभी।
तुम पास रहे तन के तब दूर लगे मन से जब पास हुए मन के तब दूर लगे तन से तुम बिछुड़े मिले हजार बार,
इस पार कभी उस पार कभी।
गाओ, गुनगुनाओ, नाचो; मस्ती में डोलो। शराबी का रास्ता तुम्हारा रास्ता है। ऐसा मत सोचना कि प्रेम का रास्ता सरल है और ध्यान का रास्ता कठिन है। ऐसा भी मत सोचना कि ध्यान का रास्ता सरल है और प्रेम का रास्ता कठिन है। जो प्रेम के लिए नहीं बने हैं, उनके लिए प्रेम का रास्ता कठिन है। जो ध्यान के लिए नहीं बने हैं, उनके लिए ध्यान का रास्ता कठिन है। जो ध्यान के लिए बने हैं उनके लिए ध्यान का रास्ता बिलकुल सुगम हैं, जो प्रेम के लिए बने हैं उनके लिए प्रेम का रास्ता सुगम है।
तो कसौटी तुम्हें देता हूं— जो सुगम हो, वही मार्ग है। जो सरल हो, वही मार्ग है। कठिन से मत उलझना । कठिन से सावधान । कठिन से बचना। जैसे ही लगे कि कोई चीज बहुत कठिन हो रही है, समझ लेना कि वह तुम्हारे अनुकूल नहीं पड़ रही है । जो अनुकूल पड़ता है, उसमें तो नए-नए पात निकलते हैं, नए-नए फूल ऊगते हैं, सब सुगम होता है। सुगम ही सही है, इजी इज राइट।
और मैं तुम्हें व्यर्थ की झंझटों में नहीं डालना चाहता। हालांकि मन हमेशा झंझट मेंस लेता है। मन चाहता है, कठिन को करके दिखा दें, क्योंकि कठिन में अहंकार की तृप्ति होती है; इस सत्य को खूब ध्यान में रखना । कठिन का आकर्षण है, क्योंकि कठिन कहता है – चुनौती, करके दिखा दें।
तो अक्सर ऐसा होता है, लोगों का जो मार्ग नहीं है, उसमें उलझ जाते हैं। जो प्रेम से जाते और सरलता से पहुंच जाते, वे ध्यान में लग जाते हैं। जो ध्यान से जाते और सरलता से पहुंच जाते, वे प्रेम में लग जाते हैं। आदमी का मन बड़ा अजीब है।
241