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एस धम्मो सनंतनो
कोई फूल नहीं खिलते और कोई संगीत पैदा नहीं होता, कोई सगंध नहीं बिखरती, कभी दीया नहीं जलता। और जिम्मेवार वे ही हैं, क्योंकि वे दीया जलाते ही नहीं। वे तो दूसरे का दीया फूंकने में लगे रहते हैं, कि जब किसी का जला हुआ नहीं दिखायी पड़ेगा तो अपनी ही अड़चन क्या है! इसलिए लोग सुबह से उठकर अखबार पढ़ते हैं। और अखबार पढ़कर बड़ी शांति मिलती है, गीता पढ़ो तो शांति नहीं मिलती। गीता पढ़ो तो अशांति मिलती है।
समझ लेना मेरी बात, क्या मैं कह रहा हूं! नहीं तो तुम कहोगे, भगवान ने गलत बात कह दी। गीता पढ़ो तो अशांति मिलती है, क्योंकि गीता पढ़ो तो यह पता चलता है कि तुम कहां कीड़े-मकोड़ों की तरह सरक रहे हो, उठो! पहाड़ खड़ा हो जाता है सामने। इसको चढ़ना पड़ेगा। अर्जुन चढ़ गया, तुम क्यों नहीं चढ़ रहे हो? बेचैनी होती है, गीता पढ़कर शांति नहीं मिलती। जिनको मिलती है, उन्होंने गीता पढ़ी नहीं। गीता पढ़ोगे तो अशांत हो जाओगे। तब दुकानदारी नहीं कर सकोगे इतनी आसानी से जैसी कर रहे हो, क्योंकि फिर अर्जुन कब बनोगे? फिर यह कृष्ण-चेतना का अनुभव कब करोगे? फिर यह छोटी-छोटी बातों में उलझे हो, इसमें नहीं उलझे रह सकोगे। फिर भगवान को कब पुकारोगे? फिर समर्पण कब होगा? फिर अर्पण कब होओगे? यह समय बहा जा रहा है।
गीता तो बेचैन कर देगी, झकझोर देगी। गीता तो कहेगी, उठो, अब बहुत समय तो बीत ही चुका है, थोड़ा जो बचा है, उसका कुछ उपयोग कर लो। एक बेचैनी, एक दिव्य बेचैनी, एक दिव्य असंतोष तुम्हारे भीतर पैदा हो जाएगा। __तो मैं तुमसे कहता हूं, गीता पढ़ोगे तो अशांत हो जाओगे। अखबार पढ़ने से बड़ी शांति मिलती है। इसीलिए लोग अखबार पढ़ते हैं, गीता नहीं पढ़ते। अखबार पढ़ने से क्या शांति मिली? पढ़ा अखबार-फलां आदमी फलां आदमी की स्त्री को ले भागा। तुम्हें मन में बड़ी शांति मिलती है कि देखो, हम पत्नीव्रती। हम तो कभी किसी की स्त्री लेकर नहीं भागे। फलां आदमी ने हत्या कर दी। हम बेहतर। सोचते कभी-कभी हत्या करने की, मगर कर थोड़े ही देते! फलां जगह दंगा-फसाद हो गया, इतने लोग मारे गए। चित्त शांत होता है कि चलो, अपन तो नहीं झंझट में पड़ते। तुम अखबार पढ़कर एक बात से निश्चित हो जाते हो कि तुम दुनिया के सबसे बेहतर आदमी हो। अखबार पढ़कर बड़ी शांति मिलती है।
और जिस दिन अखबार में बुरी खबरें नहीं होती हैं, उस दिन तुम कहते हो, आज कोई खबर ही नहीं। क्योंकि असली खबर तो तुम जिसकी तलाश करते हो वह यह कि कितने लोग भाग गए, कितने लोग किनकी स्त्रियां ले भागे, कितनों ने चोरी की, कितनों ने हत्या की, कितनों ने बुरा किया! ___अखबार में सनसनीखेज बात कौन सी होती है? सनसनीखेज बात वही होती है जिससे तुम्हारे भीतर यह सिद्ध होता है कि तुम बेहतर आदमी हो। अरे, इन सबसे
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