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एस धम्मो सनंतनो
देखना। बड़ी बात तो जागकर देखना है। उससे छुटकारा होगा, उससे जड़मूल से क्रांति होगी।
आखिरी प्रश्नः
भगवान, अंतर मम विकसित करो, अंतरतर हे! निर्मल करो उज्ज्वल करो सुंदर करो, हे! जाग्रत करो उद्धत करो निर्भय करो, हे! मंगल करो निर्लस : निःसंशय करो, हे! अंतर मम विकसित करो, अंतरतर हे! युक्त करो हे साबार संगे मुक्त करो हे बंध संचार करो सकल कर्म शांत तोमार छंद चरण पद में मम चित्त निष्पंदित करो, हे! नंदित करो नंदित करो नंदित करो, हे! अंतर मम विकसित करो, अंतरतर हे!
तरु ने भेजी ये पंक्तियां। ऐसा भाव, ऐसी प्रार्थना तुम्हें घेरे रहे, तो जो चाहा है
वह होगा। प्रार्थना अपूर्व शक्ति है। और मांगना हो परमात्मा से तो कुछ क्षुद्र मत मांगना। मांगना हो तो यही मांगना
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