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एस धम्मो सनंतनो
मैं तुम्हें चोट मार रहा हूं।
उस फकीर ने कहा, एक क्षण को मैं भी चौंका था कि अब क्या करना! फिर मैंने सोचा, है तो यह भी संयोग की ही बात कि तुमको ऐसा खयाल आया। वृक्ष से समय पर शाखा टूट गयी, यह भी संयोग की बात थी, तुमको ऐसा खयाल आया, यह भी संयोग की बात है। जब वृक्ष पर नाराज नहीं हुआ तो तुम पर क्या नाराज होना। वृक्ष से कोई अपेक्षा नहीं थी, तुमसे भी कोई अपेक्षा नहीं है, ऐसा सोचकर मैं अपनी जगह चल पड़ा। बात खतम हो गयी।
अगर तुम गौर से अपने दुख के कारण में उतरो, समझो, तो कुछ होगा। तुमने पूछा, 'दुख है, क्या उसे छिपाएं या प्रगट करें?'
अगर दो ही उपाय हों, छिपाना और प्रगट करना, तो मैं तुमसे कहूंगा, प्रगट करो, छिपाओ मत। मगर तीसरा उपाय है, समझो, जागो, देखो। अगर ये ही दो उपाय हों तो मैं इस पक्ष में हूं कि छिपाना मत, प्रगट करना। क्योंकि छिपाने से तो और इकट्ठा होता है।
कोई मर गया घर में-पत्नी मर गयी, कि पति मर गया, कि बेटा मर गया तो तीन उपाय हैं। या तो समझो, जो कि बड़े से बड़ा उपाय है। शायद न कर पाओ, कठिन है, कर लोगे तो बुद्धत्व की दिशा में चल पड़ोगे। न कर पाओ शायद, और तब दो ही विकल्प हैं-छिपाएं कि प्रगट करें? तो मैं कहूंगा, प्रगट करो। तो रो लो। तो छाती पीट लो। तो लोट जाओ, दो-चार दिन भोजन न करो, मुर्दे की भांति पड़े रहो, इससे लाभ होगा। बह जाएगा।
रोक लिया अगर, तो मवाद की तरह भीतर रह जाएगा। वह ज्यादा देर तक सताएगा। दूर तक साथ जाएगा। दो-चार दिन में निकल जाता, शायद फिर दो-चार जन्मों में निकले। या निकले ही नहीं, बना ही रहे घाव।
एक स्त्री मेरे पास लायी गयी थी—प्रोफेसर, पढ़ी-लिखी महिला। उसके पति मर गए, तो वह रोयी भी नहीं। और गांव के लोगों ने बड़ी प्रशंसा की उसकी, सभी ने कहा कि ऐसा होना चाहिए आदमी को बुद्धिमान। सबने प्रशंसा की तो उसने और मजबूती से अपने को रोक लिया। लेकिन तीन महीने बाद उसको हिस्टीरिया शुरू हुआ, फिट आने लगे, मुर्छा आने लगी। कोई उसे मेरे पास ले आया। मैंने उसकी सारी बात पूछी। मैंने उसको पूछा, तूने उस व्यक्ति को प्रेम किया था? उसने कहा, मैंने बहुत प्रेम किया था, प्रेम-विवाह था, मां-बाप से लड़कर उस युवक से मैंने विवाह किया था। तो फिर मैंने कहा कि दुख तो हुआ होगा? उसने कहा, दुख तो हुआ, लेकिन मैंने प्रगट नहीं किया। सार भी क्या प्रगट करने से! ___ मैंने कहा, वही दुख इकट्ठा होकर अब मूर्छा ला रहा है। तू रो ले, दिल खोलकर रो ले। इसे दबा मत। उसने कहा, उससे क्या होगा? क्या मेरा पति मुझे वापस मिल जाएगा? मैंने कहा, पति तेरा वापस नहीं मिलेगा, सिर्फ यह हिस्टीरिया
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