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________________ एस धम्मो सनंतनो खेत में एक किसान—दोपहरी है, काम से थक गया होगा, बैलों को विश्राम देना होगा, तो वृक्ष के नीचे बैठा है। उसी के पास एक कुत्ता बैठा है। फकीर ने कहा, देखता है वह किसान और कुत्ता वहां? दूर से दिखाया। और फकीर ने कहा कि अब देख! मैं इस किसान को खबर भेजता हूं कि तू तीन पत्थर इस कुत्ते को मार। ऐसा फकीर का कहना था कि किसान ने एक पत्थर उठाया और फेंका; दूसरा उठाया और फेंका; और तीसरा उठाया और फेंका; और कुत्ते को भगा दिया। __युवक ने मन में सोचा, संयोग की बात मालूम पड़ती है। लेकिन फकीर ने जोर से कहा कि नहीं, संयोग की बात नहीं है। तब तो युवक और भी चौंका। क्योंकि उसने यह कहा नहीं था प्रगट में कि संयोग की बात मालूम पड़ती है, ऐसा मन में सोचा था कि संयोग की बात मालूम पड़ती है। लेकिन फकीर ने कहा, नहीं, संयोग नहीं है। उस युवक के मन में फिर हुआ, जिद्दी रहा होगा, कि यह भी संयोग हो सकता है। फकीर ने कहा, कह रहा हूं कि नहीं, यह भी संयोग नहीं है। तब तो चौकन्ना हुआ युवक। जैसे नींद से जागा। फकीर ने कहा, तो फिर देख! अभी यह बैठा है, तू चाहता है यह ख़ड़ा हो जाए? उसने कहा, दिखाएं। ऐसा कहना ही था फकीर का कि वह किसान खड़ा हो गया। मगर युवक को संदेह उठा कि हो सकता है उसका विश्राम पूरा हो गया हो और वह उठने के ही करीब हो! तो फकीर ने कहा, देख, बायां हाथ ऊपर उठवाऊं कि दायां हाथ ऊपर उठवाऊं? इसका तो कोई कारण नहीं होगा? उसने कहा कि नहीं, इसका कोई कारण नहीं होगा, बायां उठवाएं। ऐसा कहना था कि उस किसान ने बायां हाथ ऊपर उठाया। अब जरा मुश्किल था। अब फकीर ने कहा, तू मेरे साथ आ। दोनों किसान के पास गए। बूढ़ा किसान, अनुभवी किसान। फकीर ने कहा कि देखें, एक छोटा सा प्रयोग हम किए हैं, उसके संबंध में थोड़ी जानकारी चाहिए। आपने कुत्ते को पत्थर क्यों मारे? बड़ी देर से बैठा था आपके पास, आपने पत्थर न मारे, फिर अचानक पत्थर क्यों मारे? किसान ने कहा कि देखो, मैं विश्राम कर रहा था, मैंने ध्यान ही नहीं दिया था कुत्ते पर, अचानक मैंने देखा कुत्ता, तो मैंने भगाना चाहा। तो फकीर ने पूछा, अच्छा, भगाना चाहा तो एक ही पत्थर से काम हो जाता, तीन क्यों मारे? तो उस किसान ने कहा कि इसलिए ताकि कुत्ते को ठीक सिखावन लग जाए, दुबारा यहां न आए। फकीर ने पूछा, फिर आप अचानक उठकर खड़े क्यों हो गए? तो उस किसान ने कहा, मैं काफी विश्राम कर चुका था, फिर मैंने सोचा कि इतना ज्यादा विश्राम शरीर के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं, तो मैं खड़ा होकर जरा व्यायाम कर लेना चाहता था। तो फिर आपने बायां हाथ ऊपर क्यों उठाया? तो उस किसान ने कहा, हद्द हो गयी, हाथ मेरे हैं, मैं बायां हाथ उठाऊं कि दायां, तुम कौन हो? मेरी मर्जी! तुम कोई अदालत हो? और मैंने कोई जुर्म किया है? और उस युवक से कहा कि देख छोकरे, यह फकीर खतरनाक मालूम होता है, इस तरह के सूफी 12
SR No.002385
Book TitleDhammapada 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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