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________________ एस धम्मो सनंतनो सांझ होते-होते उसे बोध आया, कि मृत्यु अनिवार्य है। वह लौटी। नाचती गयी थी खुशी में कि ले आएगी सरसों के बीज, खाली हाथ लौटी, लेकिन नाचती ही लौटी। अब बेटे के जगने की तो कोई उम्मीद न थी; अब कौन सी खुशी थी? अब वह इस खुशी में लौटी कि उसके हाथ एक सत्य लग गया है कि मृत्यु अनिवार्य है। रोना व्यर्थ है। और जो थोड़े से जीवन के क्षण बचे हैं, इनका ऐसा उपयोग कर लेना जरूरी है कि आदमी अमृत को उपलब्ध हो जाए। इस देह में तो मृत्यु घटेगी, उसको खोज लेना जरूरी है जहां मृत्यु न घटती हो। उसने बुद्ध के चरणों में आकर सिर रख दिया। बुद्ध ने कहा, ले आयी सरसों के बीज? वह हंसने लगी, उसने कहा, आपने भी खूब मजाक किया, लेकिन बात काम कर गयी। सरसों के बीज तो नहीं मिले-और लाश को हटा दिया उसने बेटे की वहां से और लोगों से कहा, ले जाओ और दफना दो-और बुद्ध से कहा, मुझे दीक्षा दें। मुझे संन्यस्त करें। आज हूं, कल का पता नहीं, कल हो सकता है मैं भी मर जाऊं। जब सभी मर जाते हैं, तो मैं भी ज्यादा देर टिकने वाली नहीं है, इसलिए अब एक क्षण भी खोना उचित नहीं है। कौन बेटा है! कौन मां है! अब मुझे उसकी तलाश करनी है जो शाश्वत है, चिरंतन है। मुझे दीक्षा दें। देर न करें। वह दीक्षित हुई। वह बुद्ध के बड़े भिक्षुओं में एक भिक्षुणी सिद्ध हुई। जो स्त्रियां बुद्ध के सान्निध्य में परम सत्य को उपलब्ध हुईं, उनमें एक स्त्री वह भी थी। तुमने पूछा है कि 'बुद्ध को महाकारुणिक कहा जाता है, और क्राइस्ट तो मुर्दो को जिला देते, अंधों को आंखें देते, बीमार को स्वस्थ कर देते, कोढ़ी को चंगा कर देते, बहरा सुनने लगता, लंगड़ा चलने लगता, गूंगा बोलने लगता, तो जीसस करुणावान हैं या बुद्ध?' जीसस करुणावान हैं, बुद्ध महाकरुणावान। जीसस की करुणा बहुत दूर तक काम नहीं आएगी, इसलिए करुणावान। बुद्ध महाकरुणावान, उनकी करुणा अंत तक काम आएगी, अनंत तक काम आएगी। अगर किसी मुर्दे को भी जिला दिया तो भी वह मरेगा। जीसस ने लजारस को जगा दिया था-मर गया था लजारस-फिर अब लजारस कहां है? फिर मर गया। एक ही बार मरा था, अब दुबारा मरा। तो करुणा का कुल परिणाम यह हुआ कि लजारस को दुबारा मरना पड़ा। जीसस ने लोगों की आंखें ठीक कर दी थीं, कहां हैं वे लोग? आंखें भी गयीं, वे भी गए। लंगड़ों को चला दिया था, कहां हैं वे लोग? कब्रों में सड़ गए होंगे। जीसस करुणावान हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन जीसस की करुणा कितने दूर तक काम आती है! जीसस ने जो किया है, वह तो अब डाक्टर करने लगा। अगर अभी मुर्दे को नहीं जिला पा रहा है तो वह भी इस सदी के पूरे होते-होते जिला लेगा, वह कुछ अड़चन की बात नहीं है। तो जीसस चिकित्सक हैं ज्यादा से ज्यादा, बुद्ध 232
SR No.002385
Book TitleDhammapada 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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