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तृष्णा का स्वभाव अतृप्ति है
बुद्ध की या क्राइस्ट की?
जिस छोटी सी कथा की ओर संकेत है, वह तुम्हें स्मरण दिला देनी उचित है।
एक स्त्री का इकलौता बेटा मर गया। वही उसका सहारा था। उस पर ही उसने सारा जीवन निछावर किया था। उसके दुख का कोई पारावर न था। वह छाती पीटती और लोटती और बाल नोचती। मोहल्ले-पड़ोस के लोग समझा-समझाकर हार गए, लेकिन वह सुनती ही न। वह अपने बेटे की लाश भी देने को राजी नहीं। वह उसको छाती से लगाए है। उसे आशा है कि कोई चमत्कार हो जाएगा। उसे आशा है कि उसकी पीड़ा, उसका दर्द, उसके आंसू भगवान समझेगा। उसकी पुकार कहीं तो सुनायी पड़ेगी। कहीं तो न्याय होगा। उसने सुन रखा है कि उसके दरबार में देर है, अंधेर नहीं! तो वह छोड़ने को राजी नहीं है। वह उस बेटे की लाश को लेकर घूमती है। वह एक क्षण को छोड़ती नहीं। रात सोती नहीं कि कोई उसकी लाश को जला न दे। तब तो लोगों ने समझा कि वह पागल हो गयी। ___कोई उपाय न था। गांव में बुद्ध का आगमन हुआ था, तो लोगों ने कहा, ऐसा कर, अगर तू सोचती है कि चमत्कार हो सकता है तो इस बेटे को लेकर बुद्ध के पास चली जा। इससे बड़ा और क्या सौभाग्य होगा! जाकर बुद्ध के चरणों में इस बेटे को रख दे। अगर हो सकता है जीवन पुनः तो हो जाएगा। गांव के लोग तो जानते थे यह होगा नहीं, यह कभी हुआ नहीं है, लेकिन शायद बुद्ध के पास जाने से इसे कुछ समझ आ जाए। ___वह गयी, उसने बुद्ध के चरणों में लाश रख दी। और उसने कहा, करुणा करें; आप तो महाकारुणिक हैं। मेरे बेटे को जिला दें। बुद्ध ने कहा, ठीक, तू एक काम कर। गांव में चली जा और ऐसे घर से सरसों के बीज मांग ला, जिस घर में कोई कभी मरा न हो। वैसे बीज मिल जाएं तो यह बेटा अभी जी जाएगा।
उस स्त्री के तो आंसू सब तिरोहित हो गए, वह तो नाच उठी। उसने कहा, यह मैं अभी लाती हूं, यह कोई बड़ी बात नहीं है। सरसों की ही तो खेती होती है हमारे गांव में, घर-घर सरसों है, अभी लाती हूं। उसे होश भी नहीं है कि ये बीज मिल न सकेंगे। उसे शर्त की बात खयाल में नहीं है कि बद्ध ने कहा, उस घर से जिसमें कोई कभी मरा न हो। वह गयी एक घर, दो घर, तीन घर, गांव के एक-एक द्वार पर उसने दस्तक दी, गरीब से गरीब और राजा तक गयी। लेकिन सभी ने कहा, पागल, ऐसा घर कहां मिलेगा जहां कोई कभी न मरा हो! ऐसा घर तो हो ही नहीं सकता! किसी का पिता मरा है, किसी की मां मरी है, किसी का बेटा मरा है, किसी का भाई मरा है, ऐसा घर तो हो ही नहीं सकता! जितने लोग घर में रह रहे हैं, इससे अनंतगुना लोग घर में मर चुके हैं। बाप के बाप मरे, उनके बाप मरे, कितने लोग मर चुके हैं। ऐसा तो कोई घर हो नहीं सकता जहां कोई मरा न हो।
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