________________
तुम तुम हो भूल ही गयी अपने मान को। भूल ही गयी अपनी बीमारी को। चिकित्सक भी कहते हैं कि जो आदमी अपनी बीमारी को नहीं भूल पाता, उसकी बीमारी ठीक होना असंभव है। इसीलिए अगर कोई आदमी बीमार है, तो जो पहली बात चिकित्सक चाहता है, वह यह कि वह किसी तरह सो जाए। बीमार आदमी अगर सोए न, तो इलाज हो नहीं सकता। क्योंकि वह भूलता ही नहीं, वह खरोद-खरोदकर बीमारी को देखता रहता है। तुम्हारे पेट में दर्द है, तो तुम बार-बार, बार-बार वहीं-वहीं जाते। तुम्हारे जाने से दर्द पर चोट पड़ती है और घाव बड़ा होता जाता है। तुम्हें भूलना जरूरी है।
मैंने सुना है, बर्नार्ड शा फोन किया अपने डाक्टर को कि मेरे हृदय में बड़ी तेज धड़कन है और बहुत घबड़ाहट है, ऐसा लगता है कि हार्ट अटैक...आप जल्दी आएं। कोई आधी रात की बात। . चिकित्सक आया, सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आया, ऊपर आते ही से उसने एकदम से अपना बैग नीचे पटक दिया और आरामकुर्सी पर आंख बंद करके पड़ गया। बर्नार्ड शा ने कहा, क्या हुआ? उसने कहा, मालूम होता है-हार्ट अटैक। बूढ़ा चिकित्सक था। . बर्नार्ड शा तो भूल ही गया अपने हार्ट अटैक को, बिस्तर पर लेटा था, एकदम .उठ आया, कि कहीं मर न जाए। हवा की, पंखा किया, पानी पिलाया, पूछा कि अब कैसी तबीयत है-कोई दस मिनट बाद। उसने कहा कि अब बिलकुल ठीक है। . वह उठकर चलने लगा तो उसने कहा, मेरी फीस। तो बर्नार्ड शा ने कहा, काहे की फीस, फीस तो मुझे मांगनी चाहिए। उस डाक्टर ने कहा, मुझे कुछ हुआ नहीं कोई हार्ट अटैक वगैरह, यह तो तुम्हें तुम्हारी बीमारी भुलाने के लिए। अब देखो तुम भले-चंगे हो बिलकुल, पहले बिस्तर पर पड़े थे।
तुम्हारे सामने किसी को हार्ट अटैक हो जाए तो तुम भूल ही जाओगे कि तुम्हें कुछ तकलीफ हो रही है। बर्नार्ड शा उठ गया, दस मिनट में भूल ही गया है सब अपनी बात। . ____ अक्सर ऐसा हो जाता है कि जब भी तुम किसी दूसरे में लीन हो जाते हो, तुम अपने को भूल जाते हो। और बीमारी दूर ही तब होती है जब तुम अपने को भूल जाते हो। बीमारी अगर बचानी हो तो भूलना मत।
इसलिए कुछ लोग बीमारी को बचाने में बड़े कुशल होते हैं। वे भूलते ही नहीं, सुबह से सांझ तक बीमारी-बीमारी की बात करते हैं। जब मौका मिलेगा तब बीमारी की बात करेंगे। जो मिल जाएगा उससे बीमारी की बात करेंगे। ये जो हाइपोकांड्रियाक, इस तरह के जो लोग होते हैं, जो बीमारी में रस लेते हैं, इनको ठीक करने का कोई उपाय नहीं, कोई उपाय ही नहीं है। क्योंकि ये बीमारी को कुरेदते जाते हैं, ये घाव को सूखने नहीं देते, ये घाव को फिर-फिर खोल देते हैं।
महीनों लगे होंगे, गर्मी के दिन रहे होंगे क्योंकि वर्षा के लिए बुद्ध आए
139