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तुम तुम हो
हमारा प्रेम नहीं है, उसके स्पर्श से हम बचते हैं।
मनोवैज्ञानिकों ने इस पर काफी शोध की है और उन्होंने पाया है कि लोग जिनसे बचना चाहते हैं, अपने बीच और उनके बीच एक खास तरह की दूरी रखते हैं। ट्रेन में ही चाहे लोग खड़े हैं, कितनी ही भीड़ है, तो भी तुम पाओगे, हर आदमी अपने में सिकुड़ा खड़ा है, दूसरे को छूना नहीं चाहता। और जिससे तुम्हारा प्रेम नहीं है, अगर उसे तुम छू लो, तो तुम तत्क्षण क्षमा मांगते हो। क्यों? छू लेने का अर्थ हुआ कि तुमने उसकी सीमारेखा में प्रवेश कर दिया, जो कि नहीं करना चाहिए, ट्रेसपास हुआ। तुम दूसरे के घर में बिना आज्ञा मांगे घुस गए। जिससे तुम्हारा प्रेम नहीं है उसको छ लेते हो, तुम तत्क्षण क्षमा मांगते हो कि माफ करना, भूल हो गयी, जानकर नहीं किया है। और अगर कोई पुरुष या कोई स्त्री तुम ट्रेन में खड़े हो और तुमसे सटकर खड़ा हो जाए और क्षमा भी न मांगे और ऐसा भाव दिखलाए कि बड़े प्रेम में तुमसे खड़ा है, तो तुम अत्यंत नाराज हो जाते हो। तुम अत्यंत क्रोधित हो जाते हो, तुम इसे बर्दाश्त नहीं कर पाते।। - इसलिए ट्रेन या बस में इकट्ठे खड़े हुए लोग भी इस तरह खड़े होते हैं कि अगर शरीर भी छू रहे हैं, तो भी उनके मन नहीं छू पाते, वे अपने को सिकोड़े खड़े होते हैं। कम से कम इतना प्रदर्शन तो करते हैं कि हम तुम्हें छू नहीं रहे हैं, अगर छू रहा है शरीर तो मजबूरी है-हम नहीं छू रहे हैं। और हम एक सीमा बांधकर रखते हैं। - तुमने देखा कभी, किसी के साथ तुम खड़े होकर बात कर रहे हो, तो सदा तुम जांचोगे कि एक सीमा तक तुम उस आदमी को बर्दाश्त करते हो, अगर वह उससे ज्यादा करीब आ जाए तो तुम पीछे हट जाते हो। एक सीमा होगी, समझो कि बारह इंच, तो बारह इंच तक वह आदमी अगर तुम्हारे करीब आ जाए, तुम्हें कोई चिंता पैदा नहीं होती, कोई बेचैनी पैदा नहीं होती। बारह इंच के भीतर आना शुरू हो जाए–हां, तुम्हारा बेटा हो तो ठीक, तुम्हारी पत्नी हो तो ठीक, तुम्हारा पति हो तो ठीक, लेकिन जिनसे तुम्हारा कोई गहरा नाता नहीं है, कोई संबंध नहीं है, वे अगर • बारह इंच या दस इंच के भीतर आने लगें, तुम तत्क्षण पीछे हट जाओगे। वहां तुम्हारी एक अज्ञात सीमा है। चमड़ी का एक अज्ञात क्षेत्र है, जहां तक उसकी तरंगें फैलती हैं। उन तरंगों के भीतर कोई भी आ जाए तो हम पसंद नहीं करते हैं। अशिष्ट मालूम होती है यह बात। ___ स्पर्श की इंद्रिय बड़ी से बड़ी इंद्रिय है और हमारे पूरे शरीर को घेरे हुए है। इस स्पर्श की इंद्रिय पर मन के प्रभाव सर्वाधिक होते हैं।
तुमने कभी एक बात देखी, अगर बूढ़ा आदमी भी किसी जवान युवती के प्रेम में पड़ जाए, तो उसकी चमड़ी पर एक रौनक आ जाती है। उसके चेहरे पर एक तरह की जवानी आ जाती है, जैसे दस साल उम्र कम हो गयी। पश्चिम में लोग अगर ज्यादा जी रहे हैं, तो उस ज्यादा जीने में एक कारण यह भी है कि बुढ़ापे तक लोग
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