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________________ ऊर्जा का क्षण-क्षण उपयोग : धर्म जिस दिन गांधी को गोली लगी, उस दिन जिन्ना अपने बगीचे में बैठा था। तब तक जिन्ना ने हर बार हर तरह से कोशिश की थी उसके मित्रों ने, अनुयायियों ने कि कुछ सुरक्षा की व्यवस्था की जाए लेकिन उसने सदा इनकार कर दिया। उसने कहा, मुझे कौन मारने वाला है? जिनके लिए मैंने अपना जीवन लगाया, देश दिलवाया, वे मुझे मारेंगे? यह कोई सवाल ही नहीं है। मुझे किसी तरह की सुरक्षा, किसी तरह के गार्ड की कोई जरूरत नहीं है। मकान पर पुलिस वाले भी नहीं थे जिन्ना के। लेकिन जैसे ही खबर पहंची रेडियो से और उसके सेक्रेटरी ने आकर कहा कि गांधी को दिल्ली में गोली मार दी गयी, वह एकदम उदास हो गया, उठकर भीतर गया। सेक्रेटरी चकित हुआ, क्योंकि गांधी की मृत्यु से जिन्ना को खुश होना चाहिए, वे उदास हैं! वह भीतर गया और उसने कहा, आप उदास दिखते हैं। उन्होंने कहा, उदास दिखता हूं, जिंदगी एकदम खाली मालूम पड़ती है। इसी आदमी से तो सारा संघर्ष था। और उसी दिन से जिन्ना के घर पर पहरा बैठ गया। क्योंकि जब गांधी मारा जा सकता है, तो जिन्ना की क्या बिसात! लेकिन जिन्ना उससे ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहा फिर। अगर गांधी जिंदा रहते, जिन्ना भी जिंदा रहता। रस ही खो गया, जिंदगी का मजा ही चला गया। दुश्मन एक-दूसरे को जिलाते हैं। ___ तुम्हारे दुख में भी तुम्हारा न्यस्त स्वार्थ होगा। इसीलिए लोग कहे चले जाते हैं कि दुख है, दुख है, फिर भी तुम किए चले जाते हो। कहीं कुछ रस होगा उसमें। तुम्हारे दुख में से भी कोई तरह की सुख की किरणें आ रही होंगी। अगर तुम स्त्री हो और एक पति या प्रेमी तुम्हारे प्रेम में पड़ गया, क्योंकि तुम दुर्बल हो, कमजोर हो, बीमार हो, तो तुम स्वस्थ न हो सकोगी। क्योंकि स्वास्थ्य का अर्थ होगा, यह पति गया। यह फिर कोई और बीमार औरत खोजेगा, जिस पर यह दया कर सके, प्रेम कर सके, सहानुभूति कर सके, अस्पताल ले जा सके और जिसके आसपास यह मसीहा बन सके कि देखो, मैं इसको बचा रहा हूं, उद्धार कर रहा हूं। ऐसे लोग हैं जो वेश्याओं से शादी करते हैं। उद्धार करना है। शादी-वादी का कोई बड़ा मामला नहीं है। शादी से वेश्या का क्या लेना-देना है। लेकिन वेश्या का उद्धार करना है। लेकिन उनकी बड़ी तकलीफ है। मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जिन्होंने वेश्याओं से शादी की और शादी के बाद मुश्किल में पड़ गए, क्योंकि फिर वेश्या वेश्या न रही। पहले उसका उद्धार कर लिया, मजा उद्धार करने में था। फिर वेश्या पत्नी हो गयी, बस मजा चला गया। वह दूसरी वेश्या के पीछे पड़ गया। अब वह पत्नी चिल्लाती है, रोती है कि तुमने मुझसे विवाह किया, मेरा उद्धार किया, अब तुम छोड़कर क्यों जाते हो? उसको भी समझ में नहीं आता कि मामला क्या है। ___ मामला बिलकुल सीधा है, गणित का है। जब तक वह वेश्या थी, तभी तक उनका रस था। जैसे ही वह वेश्या नहीं रही, रस खतम हो गया। साधारण औरत हो गयी। ऐसी साधारण औरतें तो बहुत थीं। अब अगर उनका रस कायम रखना हो,
SR No.002382
Book TitleDhammapada 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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