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एस धम्मो सनंतनो
होता सभी को. दर्भाग्य है। जिसको होता है, आनंदित होओ। इसका अर्थ हआ कि एक बड़ी गहरी उपलब्धि तुम्हें हो रही है, जो वक्तव्यों से नहीं डिगायी जा सकती है। मैं क्या कहता हूं, इसकी तुम्हें अब चिंता नहीं है। तुम्हारे सामने, मैं क्या हूं, यह प्रगट होने लगा। मैं किन शब्दों का उपयोग करता हूं, बहुत फर्क नहीं पड़ता। तुम मेरे शब्दों में झांककर मेरे शून्य को देखने लगे। मैं परमात्मा के संबंध में कुछ कहूं, परमात्मा के खिलाफ कहूं, कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम दोनों के पार मुझे खड़ा हुआ अनुभव कर लेते हो। तुम मेरे गीत की धुन को पहचानने लगे। मैं किस भाषा में गाता हूं, कोई अंतर नहीं पड़ता। तुम्हें भाषा समझ में आती है, नहीं आती, कोई अंतर नहीं पड़ता। तुम मेरे गीत की धुन से राजी होने लगे, तुम्हारी लयबद्धता बंधने लगी।
न फलसफी, न मुल्ला से गरज है मुझको
यह दिल की मौत, वो अंदेशा-ओ-नजर का फसाद पंडित है, मौलवी है, दार्शनिक है, विचारक है, उससे क्या लेना-देना? क्योंकि यहां तो मरने की कला सिखायी जा रही है। और वह तो सिर्फ दृष्टि, मत, विचार का उपद्रव है। पंडित तो केवल शब्दों का जाल है।
न फलसफी, न मुल्ला से गरज है मुझको
यह दिल की मौत... धर्म तो दिल की मौत है, यहां तो मिटना है।
...वो अंदेशा-ओ-नजर का फसाद और वहां तो केवल दृष्टिकोण, नजरिए के झगड़े हैं।
यहां तुम्हें कोई झगड़ा थोड़े ही सिखा रहा हूं। यहां तो झगड़ने वाले को कैसे विसर्जित कर दो, यही सिखा रहा हूं। यहां झगड़ा करने वाला कैसे विसर्जित हो जाए, अहंकार कैसे डूब जाए, बस उतनी ही बात है। और इसीलिए तो सब चिकित्साओं की बात करता हूं। जिससे हो जाए, चलेगा। चिकित्सा से मेरा मोह नहीं, इसे तुम समझ लो। तुम्हारी बीमारी मिटनी चाहिए। ऐसे लोग हैं जिनको बीमारी मिटाने की उतनी चिंता नहीं, चिकित्सा से मोह है।
मेरे एक मित्र हैं। वे होमियोपैथ हैं। होमियोपैथी के दीवाने हैं। एलोपैथी के दुश्मन हैं। उनकी पत्नी ने मुझसे कहा कि इस घर में बीमार होना मुश्किल है। क्योंकि बीमार हुए कि होमियोपैथी। कोई ठीक होता नहीं दिखायी पड़ता, मगर इनकी जिद्द है। और एलोपैथी डाक्टर के पास तो जा नहीं सकते। तो अपने पति से यह कहना भी संभव नहीं है कि सिर में दर्द है, या बुखार है। यह भी चोरी-छिपे छिपाना पड़ता है। नहीं तो होमियोपैथी शुरू! मरीज से मतलब नहीं है, सिद्धांत!
कुछ हैं जो नेचरोपैथी के दीवाने हैं। उन्हें कोई फिकर नहीं। मेरे एक रिश्तेदार हैं, उनकी पत्नी मर गयी नेचरोपैथी में। पूरे समय मैं मौजूद था जब यह घटना घटी। उनको कई बार समझाया कि तुम इस पत्नी को मारे डाल रहे हो। उपवास। वह
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