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आज बनकर जी!
और तुम कभी पछताओगे न।
शब को चिराग की नहीं रहरौ को एहतियाज
हर जर्रा आफताब है तेरी सबील का जिसको यह सूत्र समझ में आ गया, उसको अंधेरी रात में भी चिराग की कोई जरूरत नहीं। परमात्मा की यात्रा पर उसे किसी और रोशनी की जरूरत नहीं।
__हर जर्रा आफताब है तेरी सबील का
जिसको यह नियम समझ में आ गया, उसके लिए तो उसके रास्ते का हर तिनका, हर टुकड़ा भी सूरज की तरह प्रकाशवान हो जाता है।
'जो सुख चाहने वाले प्राणियों को अपने सुख की चाह से दंड से नहीं मारता है, वह मरकर सुख पाता है।' । ___मरकर क्यों? आज तुम सुख दोगे, मरकर तुम सुख पाओगे, ऐसा बुद्ध कहते हैं। आज तुम दुख दोगे, मरकर तुम दुख पाओगे, ऐसा बुद्ध कहते हैं। ऐसा क्यों? आज तुम सुख दोगे, आज ही मिलेगा। जीवन नगद है। आज दुख दोगे, आज ही दुख मिलेगा। जीवन बहुत नगद है। लेकिन फिर बुद्ध ऐसा क्यों कहते हैं? ___ कारण है। क्योंकि बहुत बार बीज तुम आज बोते हो, वर्षों लग जाते हैं, तब फल आता है। तो कहीं ऐसा न हो कि बीज तुम आज बोओ और फल आज न आए, तो तुम अपने को धोखा दे दो कि देखो फल आया ही नहीं। दुख दिया और दुख न मिला।
- जीवन में यह प्रश्न बहुत बार उठता है। तुम देखते हो किसी आदमी को दुष्ट है, हिंसक है, कठोर है, और जीवन में सुख, मजे-मौज कर रहा है। कभी तुम देखते हो कोई आदमी सरल है, सीधा है, सादा है, सच्चा है, और सब तरह के दुख पा रहा है। उलझन खड़ी हो जाती है। लगता है, फिर जीवन का गणित सच है कि झूठ? कहीं यह सब मन का ही भुलावा तो नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह सीधे-सादे लोगों को सांत्वना हो कि मिलेगा, और बेईमान मजे कर रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह भी बेईमानों की ही ईजाद हो, ताकि दुसरे बेईमानी न करें-प्रतिस्पर्धा कम हो। . ऐसा सोचने वाले लोग भी हुए हैं। जर्मनी में एक विचारक हुआ। उसने यही लिखा है कि धर्म बेईमानों की ईजाद है। ताकि लोग सीधे-सादे रहें और उनको खूब धोखा दिया जा सके। ताकि लोग भोले-भाले रहें और उन्हें खूब भरमाया जा सके।
जीवन को देखकर ये प्रश्न उठेंगे बहुत बार। और सुलझाव करना बड़ा कठिन मालूम होगा। कोई आदमी बेईमानी कर रहा है और सफल हो रहा है। और कोई आदमी ईमानदार है और असफल होता जा रहा है।
कहीं तुम उलझन में न पड़ो, इसलिए बुद्ध कहते हैं, मरने के बाद। मैं तो तमसे कहता हूं, रोज ही मिल जाते हैं। लेकिन बुद्ध इसलिए कहते हैं, ताकि तुम्हारे लिए कोई तर्क की व्यर्थ उलझन खड़ी न हो जाए। इसलिए वे कहते हैं, मिलेगा ही। देर हो सकती है थोड़ी। हो सकता है मरने तक प्रतीक्षा करनी पड़े। लेकिन तुम सदा के
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