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________________ एस धम्मो सनंतनो क्योंकि अकेले तुम तभी हो सकते हो, जब तुम अकिंचन बनने को तैयार हो। इस सूत्र को खयाल में रखना। अगर तुम बड़े होना चाहते हो तो भीड़ की जरूरत पड़ेगी; अन्यथा कौन तुम्हें बड़ा कहेगा? अगर तुम्हें सम्राट होना है तो साम्राज्य चाहिए पड़ेगा। अगर तुम्हें नेता होना है तो अनुयायी चाहिए पड़ेंगे। अगर तुम्हें कुछ होना है तो भीड़ की जरूरत पड़ेगी। और जिसकी जरूरत पड़ती है, उस पर तुम निर्भर रहोगे; उसके तुम गुलाम रहोगे। ___ इसलिए जिनको तुम नेता कहते हो, वे अनुयायियों के गुलाम होते हैं। और जिनको तुम सम्राट कहते हो, उनसे बड़े गुलाम तुम कहीं न खोज पाओगे। नादिरशाह हिंदुस्तान आया। उसने दिल्ली पर कब्जा कर लिया। उसने हाथी कभी देखा न था। पहली दफा देखा, बैठने की इच्छा हुई। तो उसे हाथी पर बिठाया गया। जब वह हाथी पर बैठा तो उसने आगे झांककर देखा, महावत अंकुश लिए बैठा है। तो उसने कहा, तू यहां क्या कर रहा है? तो उस महावत ने कहा, महानुभाव! यह हाथी है, इसको चलाने के लिए फीलवान की जरूरत होती है। उसने कहा, लगाम मुझे दे और तू नीचे उतर। वह तो घोड़े का आदी था, उसने कभी हाथी देखा नहीं था। कहा, तू नीचे उतर, लगाम मुझे दे। वह हंसने लगा महावत; उसने कहा, इसकी कोई लगाम नहीं होती और हम फीलवान ही इसे चला सकते हैं। तो कहते हैं, नादिरशाह छलांग लगाकर नीचे कूद गया। उसने कहा, जिसकी लगाम मेरे हाथ में न हो, उस पर बैठना खतरे से खाली नहीं। मैं ऐसी चीज का मालिक होना ही नहीं चाहता, जिसकी लगाम मेरे हाथ में न हो। __ लेकिन जरा और गौर से देखना, लगाम भी होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। थोड़ा-बहुत नियंत्रण में आ जाती है बात, लेकिन लगाम होने से भी बहुत फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि जिसकी लगाम तुम्हारे हाथ में होती है, तुम्हारी लगाम भी उसके हाथ में होती है। ___एक मुसलमान फकीर बायजीद एक रास्ते से गुजरता था अपने शिष्यों को लेकर और एक आदमी एक गाय को घसीटे लिए जा रहा था। गाय जाना नहीं चाहती थी और वह आदमी घसीट रहा था। बायजीद ने अपने शिष्यों को कहा, रुको! घेर लो इस आदमी को। एक पाठ सीखने जैसा है। और बायजीद ने अपने शिष्यों से पूछा, मुझे बताओ, यह आदमी गाय को बांधे हुए है कि गाय ने आदमी को बांधा है? उन शिष्यों ने कहा, साफ है कि आदमी गाय को बांधे हुए है। आदमी मालिक है, गाय गुलाम है। तो बायजीद ने कहा, एक सवाल और। अगर हम यह लगाम बीच से काट दें तो गाय आदमी के पीछे जाएगी कि आदमी गाय के पीछे जाएगा? उन्होंने कहा, आदमी गाय के पीछे जाएगा। तो फिर मालिक कौन है? तुम जिसके पीछे जाते हो, वही तुम्हारा मालिक है। जिसकी लगाम तुम्हारे हाथ 78
SR No.002381
Book TitleDhammapada 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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