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स्थितप्रज्ञ, सत्पुरुष है
अभी तो लगता है कि उफनता तूफान है मस्ती का; जैसे शराब की प्याली ऊपर से बही जा रही हो। और क्षणभर बाद खाली प्याली, जिसमें सिर्फ तलहट बची है।
तुमने इंसान की फितरत पे कभी गौर किया
मये-सरजोश अभी, दुर्दे-तहे-जाम अभी क्षण में ऐसा होता रहता है, जैसे हवा में डोलता एक पत्ता हो। तुम्हारा कोई व्यक्तित्व नहीं। तुम्हारी कोई आत्मा नहीं। तुम हो ही नहीं अभी। अभी तुम हवाओं के थपेड़े हो। अभी नदी की लहरें तुम्हें जहां ले जाती हैं, तुम चले जाते हो; बहते हुए सूखे पत्ते हो। अभी अस्तित्व में तुम्हारी कोई जड़ें नहीं। अन्यथा जिंदगी तुम्हें इतनी आसानी से न हिला पाएगी।
और जड़ें जिसे खोजनी हों, उसे भीतर जाना पड़ेगा। क्योंकि तुम भीतर से ही जुड़े हो परमात्मा से, सत्य से, अस्तित्व से। वृक्षों के तो पैर जमीन में गड़े हैं, तुम्हारे प्राण परमात्मा में गड़े हैं। अपने भीतर तुम जितने गहरे जाओगे, उतना ही तुम पाओगे कि बाहर की बातें अब कम, और कम, और कम प्रभावित करती हैं।
एक घड़ी ऐसी आती है कि तुम पर ही घटना घटती है और तुम ऐसे खड़े देखते रहते हो, जैसे किसी और पर घट रही है-बस, सत्पुरुष का जन्म हुआ। तुम्हारे ही घर में आग लगी है और तुम खड़े देख रहे हो, जैसे किसी और के घर में आग लगी है। तुम्हारी ही पत्नी चल बसी है और तुम खड़े ऐसे हो, जैसे किसी और की पत्नी चल बसी। सब तुम्हारा लुट गया और तुम खड़े ऐसे हो, जैसे किसी और का लुट गया।
आल्डुअस हक्सले अमरीका का बड़ा विचारशील व्यक्ति था। कैलीफोर्निया में उसने अपने सारे जीवन एक बड़ा संग्रहालय बनाया था। दूर-दूर से बड़ी कीमती पुस्तकें लाया, सुंदर मूर्तियां, प्राचीन पुरातत्व की चीजें, शिलालेख; अपने सारे जीवन की संपत्ति उसने उसी में लगाई थी। चालीस साल की मेहनत थी उस आदमी की। और कहते हैं, एक अनूठा संग्रह था उसके पास। और अचानक एक दिन उसमें आग लग गई। पर इसी पुरातत्व की खोज में लगा-लगा, धीरे-धीरे इन्हीं सत्यों की खोज में लगा हुआ, उसके जीवन में एक क्रांति भी घट गई थी। उसे हम आधुनिक जगत का एक ऋषि कह सकते हैं। उस दिन उसने प्रमाण दिया। उसकी पत्नी ने समझा कि वह पागल हो जाएगा, क्योंकि सारा जीवन मिट्टी में गया। आग इतनी भयंकर थी कि कोई उपाय न रहा बचाने का कुछ भी। खुद की लिखी किताबें, खुद की हस्तलिखित पांडुलिपियां, वे भी सब जल गयीं। ___वह अपना खड़ा है, मकान को जलते देख रहा है। पत्नी घबड़ाई; क्योंकि न तो वह कुछ बोल रहा है, न परेशान दिख रहा है। सोचा कि क्या पागल हो गया? रो ले, चिल्ला ले, चीख ले, तो हल्का हो जाए। और आल्डुअस हक्सले ने कहा कि मुझे सिर्फ ऐसा लगा कि एक बोझ हल्का हुआ। और जल जाने के बाद जब मैंने
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