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एस धम्मो सनंतनो
ले ली, फिर कंबल के भीतर छिपकर फिर तुम सो गए; फिर तुमने सुख में अपने को डुबा लिया।
सुख एक तरह का विस्मरण है, एक तरह की निद्रा है। दुख इस निद्रा में पड़ी हुई खलल। सब ठीक चल रहा था, दुकान अच्छी चल रही थी, दीवाली की दशा थी, अचानक दिवाला आ गया-बस, खलल पड़ गई। स्वास्थ्य ठीक चल रहा था, सब मजे से जा रहा था, अचानक बीमारी आ गई—खलल पड़ गई। सब ठीक चलता था, जैसा चलना चाहिए चलता था, पत्नी मर गई, पति मर गया-खलल आ गई। इस खलल का जो ठीक से उपयोग कर ले, दुख का जो ठीक से उपयोग कर ले तो दुख ही तप हो जाता है।
दुख के दो आयाम हैं : या तो तुम दुख के कारण फिर सोने की कोशिश करने लगते हो और भी जोर से-शामक दवाएं खोज लेते हो, फिर से नींद में डूबने की चेष्टा करते हो; यह साधारण आदमी की चेष्टा है। ___ एक दूसरा आयाम भी है कि तुम दुख के जागरण को सौभाग्य मानते हो कि चलो, जगे तो! अब सोएंगे नहीं, अब जागते ही रहेंगे; अब इस जागने का उपयोग कर लेंगे। जो दुख में जागने का उपयोग कर लेता है, उसका दुख तप हो जाता है।
दुख के दो आयाम हैं : सुख और तप, सोना और जागना; विस्मृति और स्मृति; होश और बेहोशी। दुख का कैसा तुम उपयोग करते हो, इस पर तुम्हारे सारे जीवन का रूपांतरण निर्भर है।
वही उत्तम पुरुष है, जिसने दुख से जागने का काम ले लिया। वही उत्तम परुष है, जिसने जाग-जागकर, सारा श्रम किया जागने का और ऐसी घड़ी छू ली, जहां अकृत का प्रवेश हो जाता है।
‘गांव हो या वन, नीची भूमि हो या ऊंची, जहां कहीं अर्हत विहार करते हैं, वही भूमि रमणीय है।' ____ फूलों में सौंदर्य नहीं है; सूर्योदय में, सूर्यास्त में सौंदर्य नहीं है; सौंदर्य देखने वाले की आंख में है।
तुमने भी इसे देखा होगा। कभी तुम खुश होते हो, प्रसन्न होते हो, गुनगुनाते होते हो, तब फूल ज्यादा सुंदर मालूम पड़ते हैं। कभी तुम उदास होते हो, पीड़ित, परेशान होते हो, फूल बड़े कुम्हलाए, जरा-जीर्ण मालूम पड़ते हैं। कभी तुम प्रफुल्लित होते हो, चांद नाचता मालूम पड़ता है बदलियों में; और कभी तुम खिन्न मन होते हो, हताश मन होते हो, चांद भी ढला-ढला, उदास-उदास, थका-थका, घसिटता-घसिटता मालूम होता है। तुम्हारी दृष्टि में सब कुछ है।
उसकी तो तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि जब कोई अर्हत पुरुष...।
अर्हत बुद्ध का शब्द है। अर्हत का अर्थ होता है कि जिसने अपने सारे शत्रुओं से विजय पा ली। अरि यानी शत्रु, हत यानी हरा दिया, जिसने सारे शत्रु हरा दिए,
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