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________________ कुछ खुला आकाश! कोई प्रेमी कभी प्रेम का मार्ग पूरा नहीं कर पाया। मजनू जंगल में खो गया, फरियाद पहाड़ों में। प्रेमी कभी पहुंच नहीं पाता, खो जाता है। पहुंचने योग्य कोई बचता ही नहीं। प्रेमी मार्ग में ही गल जाता है और खो जाता है। लेकिन इसी खो जाने में पहुंचना है। जहां तुम खो जाते हो, वहीं परमात्मा हो जाता है। जहां तुम मिटते हो, वहीं वह घनीभूत होता है। तुम सिंहासन खाली करो तो ही इसकी संभावना है कि वह तुम्हारे सिंहासन पर विराज सके। तुम अगर बैठे रहे सिंहासन पर अवकाश कहां? स्थान कहां? परमात्मा को बुलाते हो, तैयारी कहां है तुम्हारी? कहां बिठाओगे? कहां उसे विराजमान करोगे? अहंकार तो रोएं-रोएं में भरा है। मैं का भाव तो श्वास-श्वास में समाया है। जगह कहां बची है तुम्हारे भीतर? जगह खाली करो। प्रेम का अनुभव उन्हीं को हो पाता है, जो अपने को डुबाने, मिटाने को राजी हैं। जो डूबते हैं, यह नदी कुछ ऐसी है कि वे ही केवल पहुंचते हैं। जो डूबे, वे बचे। जो बचे, वे डूबे। अगर किनारे पर पहुंचना हो तो मझधार में डूब जाना ही उपाय है। ठीक हैं ये पक्तियां बेदार राहे-इश्क किसी से न तय हुई यह प्रेम का रास्ता कौन कब पूरा कर पाया? इसका यह कारण नहीं है कि रास्ता लंबा है, इसका यह कारण नहीं है कि रास्ता बहुत बड़ा है, इसलिए लोग पूरा नहीं कर पाए; इसका कारण कुल इतना ही है कि यह रास्ता ऐसा है कि इसे पूरा करने वाला बीच में खो ही जाए तो ही पूरा होता है। पूरा होने का एक ही अर्थ है कि बीच में ही खो जाए। अगर पहुंच जाए दूसरे किनारे तो रास्ता खो ही गया, पूरा हुआ ही नहीं। जो पूरा नहीं कर पाते, जो स्वयं इसको पूरा करने में पूरे हो जाते हैं, वे ही केवल पहुंचते हैं। सहरा में कैस, कोह में फरयाद रह गया . सभी प्रेमी कहीं न कहीं खो गए-कोई रेगिस्तान में, कोई पहाड़ों में, कोई प्रार्थनाओं में, कोई साधनाओं में, कोई मंदिरों में, कोई मस्जिदों में। सभी प्रेमी कहीं न कहीं खो गए। जहां खोए, वहीं घड़ी है उस परम सौभाग्य की, परम आशीष की, परम प्रसाद की। तीसरा प्रश्नः एक उलझन है; यदि ठीक समझें तो उसे स्पष्ट करने की कृपा करें। भगवान बुद्ध और आप दोनों कहते हैं, ध्यान से उपलब्ध 211
SR No.002381
Book TitleDhammapada 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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