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कुछ खुला आकाश!
सवार होते हो, मंजिल करीब आ जाती है, उतर जाते हो।
प्रकृति का नियम यही है एक
कि अति का होगा ही विध्वंस एक अति है वासना, कि खो गए, भटक गए—संसार में, व्यर्थ में, बाजार में। फिर एक दूसरी अति है कि बचाने में लग गए अपने को-संसार से, व्यर्थ से, बाजार से। ये दोनों अतियां हैं। इन दोनों में कहीं भी समत्व नहीं है।
जरूरी है साधना, क्योंकि एक अति पर चले गए तो दूसरी अति पर जाना जरूरी हो गया है। लेकिन जैसे ही एक अति कट जाए, दूसरी अति भी तत्क्षण छोड़ देना; अन्यथा घड़ी के पेंडुलम की तरह घूमते रहोगे; बाएं से दाएं, दाएं से बाएं जाते रहोगे। रुक जाना है कहीं बीच में।
देखा, जब घड़ी का पेंडुलम बीच में रुक जाता है, घड़ी रुक जाती है। घड़ी यानी समय। जहां तुम संतुलित हुए, अति गई, वहीं समय के बाहर हुए। जब तक तुम डोलते रहते हो एक कोने से दूसरे कोने, तब तक घड़ी की टिकटिक चलती रहती है; तब तक समय चलता रहता है; तब तक संसार चलता रहता है। तुम्हारा मन का पेंडुलम ही सारे संसार को चलाए जाता है।
तुमने कभी किसी नट को देखा रस्सी पर चलते? पूरे समय बाएं से दाएं, दाएं से बाएं होता रहता है। जब बाएं झुकता है तो एक घड़ी आ जाती है कि अगर और थोड़ा झुका तो गिरेगा; तत्क्षण दाएं झुक जाता है, ताकि बाएं की अति से जो भूल हुई जा रही थी, वह दाएं झुकने से पूरी हो जाए। लेकिन तब फिर दाएं में ऐसी घड़ी आ जाती है कि अब जरा और झुका कि गिरा; फिर तत्क्षण बाएं झुक जाता है, ताकि जो अति हो रही थी, उसका संतुलन हो जाए। ऐसे झुकता है दाएं से बाएं, बाएं से दाएं, और इसी भांति किसी तरह अपने को रस्सी पर बनाए रखता है।
लेकिन जब नीचे उतर आया, फिर थोड़े ही दाएं-बाएं झुकता रहेगा! फिर तो बैठ जाएगा; फिर तो झुकेगा ही क्यों? फिर तो खड़ा हो जाएगा, भूमि मिल गई। अब कोई रस्सी पर थोड़े ही चल रहा है।
संसार में चलना तनी हुई रस्सी पर चलने जैसा है। प्रतिक्षण तुम्हें झुकना ही पड़ेगा। अभी प्रेम, अभी घृणा; अभी सहानुभूति, अभी क्रोध; यह दाएं-बाएं है।
मेरे पास प्रेमी आते हैं; वे पूछते हैं कि कैसे यह घटना घटे कि हम जिससे प्रेम करते हैं, उस पर क्रोध न करें? मैं कहता हूं, यह न हो सकेगा। इसके लिए तो संसार की रस्सी से उतरना पड़ेगा। यह तो संसार की रस्सी पर तुम प्रेम करोगे तो क्रोध करना ही पड़ेगा। क्योंकि प्रेम में ज्यादा झुके, गिरने का डर हो जाता है; क्रोध की तरफ मुड़े, सम्हल गए। क्रोध में भी ज्यादा झुकोगे तो डर हो जाएगा, तो फिर पत्नी के लिए फूल खरीद लाए, आइसक्रीम ले आए। फिर थोड़ा प्रेम किया; फिर खतरा पैदा हो जाता है। तो जिससे तुम प्रेम करोगे, उससे ही घृणा भी करते रहोगे। और जिससे तुम्हारे
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