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प्यासे को पानी की पहचान
जो.जाना जाता है, वही धर्म है।
धर्म का अर्थ होता है : स्वभाव। अहंकार के कारण स्वभाव पर बाधा पड़ जाती है।
तो पहली तो बात यह है कि धर्म को जिन्होंने जाना है, वे बचे नहीं। उपनिषद कहते हैं, जो कहे जान लिया, जान लेना कि नहीं जाना उसने। सुकरात ने कहा है, जब जाना तो यही जाना कि कुछ भी नहीं जानते हैं।
पूछा है, 'क्या आपने धर्म को पूरी तरह पा लिया है?'
पूरी तरह का क्या अर्थ होता है? अगर धर्म पूरी तरह पाया जा सके तो सीमित हो जाएगा। जिसकी सीमा हो, वही पूरी तरह पाया जा सकता है। धर्म की कोई सीमा नहीं है। इसलिए तुम धर्म में डूब जाओगे। धर्म तुम्हें पूरी तरह पा लेगा, लेकिन तुम न पा सकोगे पूरी तरह। ___ एक बूंद जब सागर में गिरती है तो सागर बूंद को पूरी तरह पा लेता है। बूंद ने सागर को पूरी तरह पाया, यह कहने का क्या अर्थ है? बूंद बची ही नहीं; उसी पाने में खो गई: पाने की शर्त परी करने में ही खो गई। __ यह पूरे की भाषा भी लोभ की भाषा है। थोड़ा-ज्यादा, पूरा-कम; मात्राएंआधा पाव, पाव भर, आधा सेर, सेर भर-ये मात्राएं भी गणित की मात्राएं हैं। सत्य को खंडित किया जा सकता है क्या कि तुम आधा पा लो? सत्य के टुकड़े बांटे जा सकते हैं क्या कि तुम थोड़ा अभी पा लो, थोड़ा कल पा लेंगे?
सत्य अखंड है, इसलिए खंड तो हो नहीं सकते। और सत्य असीम है, इसलिए तुम उसे पूरा कभी पा नहीं सकते।।
बड़ी अड़चन मालूम पड़ेगी, क्योंकि मैं कह रहा हूं यह–एक विरोधाभासी वक्तव्य दे रहा हूं कि सत्य अखंड है, उसके खंड, टुकड़े हो नहीं सकते। और सत्य असीम है, इसलिए पूरा तुम उसे पा नहीं सकते।
तब तो बड़ी मुश्किल हो गई। टुकड़े उसके हो नहीं सकते, नहीं तो थोड़ा-थोड़ा पा लेते, अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुसार पा लेते। तो वह अखंड है, इसलिए उसके टुकड़े हो नहीं सकते। और चूंकि वह असीम है, इसलिए पूरा तुम उसे पा नहीं सकते। अब करोगे क्या? ___ आदमी सत्य में विसर्जित होता है, खोता है। जैसे गंगा सागर में उतरकर खो जाती है, ऐसे आदमी परमात्मा में उतरकर खो जाता है।
तो मैं तुमसे यही कह सकता हूं कि परमात्मा ने मुझे पूरी तरह पा लिया है-पूरी तरह ! रत्तीभर भी उसने मुझे अपने बाहर नहीं छोड़ा है। और तुम थोड़ी और उलझन में पड़ोगे। क्योंकि मैं तुमसे यह भी कहना चाहता हूं कि तुम्हें भी उसने पूरी तरह पाया हुआ है, सिर्फ तुम्हें याददाश्त नहीं है। तुम उसके बिना हो कैसे सकोगे? वही तुममें श्वास लेता है, इसलिए श्वास चलती है। वही तुममें धड़कता है, इसलिए दिल
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