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________________ बुद्धि, बुद्धिवाद और बुद्ध एक-एक लकड़ी बाहर निकाल लो तो पीछे गट्ठर बचेगा? जब दसों लकड़ियां निकाल लोगे तो पीछे कुछ भी न बचेगा। ____ ऐसा बुद्ध ने कहा कि तुम अलग और तुम्हें वासनाओं ने घेरा, ऐसा नहीं: तम वासना हो, तुम तृष्णा हो, हवस, होने की दौड़! बस! तुम सारी वासनाओं का जोड़ हो। एक-एक वासना निकालते जाओ। उतने ही तुम कम होते जाओगे। जिस दिन आखिरी वासना बुझ जाएगी, उस दिन तुम न हो जाओगे। उस दिन पीछे तुम बचोगे नहीं। जैसा कि और लोग कहते हैं कि पीछे तुम बचोगे, शुद्ध आत्मा बचेगी। ऐसा बुद्ध कहते हैं, क्या बचेगा? गट्ठर पीछे नहीं बचेगा, सब खो जाएगा। इस खो जाने को निर्वाण कहते हैं। मोक्ष नहीं कहा, कैवल्य नहीं कहा, परमपद नहीं कहा, ब्रह्मलोक नहीं कहा, क्योंकि वे सब विधायक शब्द हैं। उनको सुनते से ही तुम्हारी वासनाओं में प्राण आ जाते हैं। ___अभी तुम मुझे सुन रहे हो, लेकिन कहीं तुम्हारे भीतर कोई कहे चला जा रहा होगा कि नहीं-नहीं, ऐसा कैसे होगा? सब वासनाएं शून्य हो जाएंगी तो हम न होंगे? नहीं, सब वासनाएं शून्य हो जाएंगी, मगर हम होंगे। शुद्ध रूप में होंगे। मगर शुद्ध रूप का मतलब क्या होता है? शुद्ध तुम तभी होते हो, जब नहीं होते हो। जब तक हो, तब तक तो अशुद्धि रहेगी। होना ही अशुद्धि है। बुद्ध ने बड़ी बारीक बात कही। बारीक से बारीक, जो कभी किसी ने नहीं कही थी। फिर उस पर कोई और परिष्कार नहीं हो सका। हो भी न सकेगा। बुद्ध ने आखिरी बात कही। बुद्ध अंतिम वक्तव्य हैं। उसमें और सुधार करना, तरमीम करनी, संशोधन करना मुश्किल है। दूसरा प्रश्नः आपका ही वचन है: समझ आवश्यक है, पर पर्याप्त नहीं। बुद्धि के पास अवश्य एक छोटा सा द्वीप है प्रकाशित, लेकिन वह द्वीप एक अर्द्ध प्रकाशित सागर में है। और वह अर्द्ध प्रकाशित सागर एक पूर्णतः अप्रकाशित महासागर में है। क्या इस वक्तव्य पर प्रकाश डालने की कृपा करेंगे? निश्चित ही, समझ आवश्यक है। अनावश्यक तो इस जगत में कुछ भी नहीं -है। अन्यथा होता ही नहीं। है, तो आवश्यक ही होगा। है, तो आवश्यकता से ही है। अनावश्यक होगा ही कैसे? होगा ही क्यों? अनावश्यक आएगा कहां से? आया है, सिलसिला है, संबंध है। कार्य-कारण का कोई प्रवाह 39
SR No.002380
Book TitleDhammapada 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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