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उठो...तलाश लाजिम है
है सागर में, तो क्या बचता है? सागर बचता है। गंगा नहीं बचती।
अब इसे तुम समझो।
पहले तुम्हारी आकांक्षाएं खो जाएंगी, तुम बचोगे। फिर तुम भी खो जाओगे, परमात्मा बचेगा। जब तक तुम आकांक्षाओं में भटके हुए हो, तब तक तुम तीन-तेरह हो, टुकड़े-टुकड़े हो। जब तुम्हारी सारी आकांक्षाएं अभीप्सा बन जाएंगी, तुम एक हो जाओगे, तुम योग को उपलब्ध हो जाओगे। योग यानी जुड़ जाओगे।
सांसारिक आदमी खंड-खंड है, एक भीड़ है। एक मजमा है। धार्मिक आदमी भीड़ नहीं है, एक एकांत है। धार्मिक आदमी इकट्ठा है। योग को उपलब्ध हुआ है। सारी आकांक्षाएं सिकोड़ लीं उसने। लेकिन अभी है। अभी होनाभर मात्र बाधा बची। अभी तुम हो-अभीप्सा में-और परमात्मा है। यद्यपि तुम एक हो गए हो, लेकिन परमात्मा अभी दूसरा है, पराया है।
इसे थोड़ा समझो। __ सांसारिक आदमी भीड़ है। अनेक है। धार्मिक आदमी एक हो गया, इकट्ठा हो गया। इंटीग्रेटेड, योगस्थ। लेकिन अभी परमात्मा बाकी है। तो द्वैत बचा। सांसारिक आदमी अनेकत्व में जीता है, धार्मिक आदमी द्वैत में। भक्त बचा, भगवान बचा। खोजी बचा, सत्य बचा। सागर बचा, गंगा बची। अब भक्त को अपने को भी डुबा देना है, ताकि भगवान ही बचे, ताकि सागर ही बचे। गंगा को अपने को भी खोना है। अनेक से एक, फिर एक से शून्य, तब कौन बचेगा? तब सागर बचता है, जो सदा से था। तुम नहीं थे तब भी था। वही बचेगा। जहां से तुम आए थे, वहीं तुम लौट जाओगे। जो तुम्हारे होने के पहले था, वही तुम्हारे बाद बचेगा।
. मरने के बाद आए हैं ऐ राहबर जहां
मेरा कयास है कि चले थे यहीं से हम वर्तुल पूरा हो जाता है। जन्म के पहले तुम जहां थे, मरने के बाद वहीं पहुंच जाते हो। थोड़ा सोचो; गंगा सागर में गिरती है, गंगा सागर से ही आई थी-सूरज की किरणों पर चढ़ा था सागर का जल, सीढ़ियां बनाई थीं सूरज की किरणों की, फिर बादल घनीभूत हुए थे आकाश में, फिर बादल बरसे थे हिमालय पर, बरसे थे मैदानों में, हजारों नदी-नालों में बहे थे गंगा की तरफ-गंगोत्री से बही थी गंगा, मेघ से आई थी, मेघ सागर से आए थे; फिर चली वापस, फिर सागर में खो जाएगी।
मरने के बाद आए हैं ऐ राहबर जहां
मेरा कयास है कि चले थे यहीं से हम वही बचेगा, जो तुम्हारे होने के पहले था। उसे सत्य कहो...। तुम एक लहर हो। सागर तुम्हारे पहले भी था। लहर खो जाएगी, सो जाएगी, सागर फिर भी होगा।
और ध्यान रखना, सागर बिना लहरों के हो सकता है, लहर बिना सागर के नहीं हो सकती। कभी सागर में लहरें होती हैं, कभी नहीं भी होती। जब लहरें होती हैं, उसको