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जागरण का तेल + प्रेम की बाती = परमात्मा का प्रकाश
हो। तुम अपने इस छोटे से फूल में असीम को लेकर चले हो। उस असीम को ही हमने आत्मा कहा है, उस असीम को ही हमने परमात्मा कहा है।
तुम दिखाई पड़ते हो छोटे, तुम छोटे नहीं हो। मैंने तो बहुत खोजा छोटा, मुझे कोई मिला नहीं। मैंने तो बहुत जांच-पड़ताल की, सभी सीमाओं में असीम को छिपा पाया। हर बंद में सागर ने बसेरा किया है। जिस दिन तुम खिलोगे उस दिन तुम पाओगे, तुम नहीं खिले परमात्मा खिला है। ___इसलिए तो बुद्ध कहते हैं, 'चंदन या तगर, कमल या जूही, इन सभी की सुगंधों से शील की सुगंध सर्वोत्तम है।'
शील की सुगंध का अर्थ है, जागे हुए आदमी के जीवन की सुगंध, आंख खुले आदमी के जीवन की सुगंध, प्रबुद्ध हुई चेतना के जीवन की सुगंध। जिन फूलों को तुमने बाहर देखा है, उनका तो खिलना केवल मौत की खबर लाता है। खिला नहीं फूल कि मरा नहीं। इधर खिले, उधर अर्थी बंधने लगी।
फूल बनने की खुशी में मुस्कुराती थी कली
क्या खबर थी तगैयुर मौत का पैगाम है बाहर तो जो फूल हैं उनका खिलना मरने की ही खबर है, मौत का पैगाम है। वहां तो खिले कि मरे। - फूल बनने की खुशी में मुस्कुराती थी कली
क्या पता उस बेचारी कली को, क्या पता उस नासमझ कली को कि यह खिलना विदा होने का क्षण है। लेकिन तुम्हारे भीतर का जो फूल है, वह जब खिलता है तो मृत्यु नहीं, अमृत को उपलब्ध होता है। साधारण फूल खिलकर मरते हैं। जितनी देर न खिले, उतनी देर ही बचे। वहां तो पूरा होना मरने के बराबर है। लेकिन तुम्हारे भीतर एक ऐसा फूल है जो खिलता है तो अमृत को उपलब्ध हो जाता है।
लेकिन ध्यान रखना, जब मैं कहता हूं, तुम्हारे भीतर एक ऐसा फूल है, तो तुम यह मत समझ लेना कि मैं कह रहा हूं तुम। तुम्हारे भीतर, तुम नहीं। तुम तो उसी तरह मरोगे जैसे बाहर की कली मरती है। क्योंकि तुम भी तुमसे बाहर हो। तुम भी तुमसे बाहर हो।
___फूल बनने की खुशी में मुस्कुराती थी कली
वैसी घटना तुम्हारे भीतर भी घटेगी। क्योंकि तुम्हारा अहंकार तो मरेगा। तुमने अब तक जो ज़ाना है कि तुम हो, वह तो मरेगा। इधर बुद्धत्व का फूल खिला, उधर गौतम सिद्धार्थ विदा हुआ। इधर महावीर का फूल खिला, वहां वर्द्धमान की अर्थी बंधी। __एक बहुत मजेदार घटना घटी। एक जैन मुनि चित्रभानु; संयोग से एक बार मुझे उनके साथ बोलने का मौका मिला। वे बड़े प्रसिद्ध जैन मुनि थे। मुझसे पहले बोले, मैं उनके पीछे बोला। उन्होंने, महावीर का जन्मदिन था तो महावीर के जीवन पर बातें
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