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एस धम्मो सनंतनो
अनुभव लिया है?
मेरी दीवानगी पर होश वाले बहस फरमाएं
मगर पहले उन्हें दीवाना बनने की जरूरत है मेरी दीवानगी पर होश वाले बहस फरमाएं-कोई हर्जा नहीं, तर्क करें। लेकिन, पहले उन्हें दीवाना बनने की जरूरत है, उनके पास भी कुछ स्वाद हो तभी। तुम उसी की बात सुनना जिसके पास कुछ स्वाद हो। अन्यथा इस जगत में आलोचक बहुत हैं, निंदक बहुत हैं। किसी भी चीज को गलत कह देना जितना आसान है, उतनी आसान और कोई बात नहीं। ईश्वर को कह देना नहीं है', कितना आसान है! 'है' कहना बहुत कठिन। क्योंकि जो है कहे, उसे सिद्ध करना पड़े। जो नहीं कहे, उसे तो सिद्ध करने का सवाल ही न रहा। जब है ही नहीं तो सिद्ध क्या करना है!
प्रेम को इनकार कर देना कितना आसान है। लेकिन प्रेम को हां करना कितना कठिन है? क्योंकि प्रेम का अर्थ होगा फिर एक आग से गुजरना। नहीं बहत आसान है। इसलिए कायर हमेशा नहीं कह-कहकर जिंदगी चला लेते हैं। हालांकि वे दिखते बड़े बहादुर हैं। कोई आदमी कहता है, ईश्वर नहीं है। लगता है बड़ी हिम्मत का आदमी है। अपनी इतनी हिम्मत नहीं है। पर मैं तुमसे कहता हूं, कायर नहीं कहकर काम चला लेते हैं। क्योंकि जिस चीज को नहीं कह दिया उसे न सिद्ध करने की जरूरत, न जीवन में उतारने की जरूरत, न दांव लगाने की जरूरत, न मार्ग चलने की जरूरत। जिसने हां कहा, वही बहादुर है, वही साहसी है।
लेकिन हां भी नपुंसक हो सकती है, अगर तुमने सिर्फ बहाने के लिए हां कह दी हो। अगर किसी ने कहा, ईश्वर है। तुमने कहा, होगा भाई, जरूर होगा। सिर्फ झंझट छुटाने को कि इतनी भी किसको फुरसत है कि बकवास करे? इतना भी किसके पास समय है कि विवाद करे? अब कौन झंझट करे कि है या नहीं। कि बिलकुल ठीक, जरूर होगा। अगर तुमने हां भी सिर्फ बचाव के लिए कही तो तुम्हारी हां नहीं ही है। उस हां में हां नहीं, नहीं ही है।
मेरी दीवानगी पर होश वाले बहस फरमाएं
मगर पहले उन्हें दीवाना बनने की जरूरत है ___ उसी के पास पूछना जिसके जीवन में कोई सुगंध हो और सुवास हो, और जिसके जीवन में कोई स्वाद हो। जिसके ओंठों से, जिसकी श्वासों से शराब की थोड़ी गंध आती हो, उसी से शराब की बात पूछना। जिसके आसपास थोड़ी मस्ती की हवा हो, जिसकी आंखों में खुमार हो, उसी से पूछना। हर किसी से मत पूछने बैठ जाना। और हर किसी की बात मत सुन लेना, नहीं तो जिंदगी को ऐसे ही गंवा दोगे। नासमझ बहुत हैं, कायर बहुत हैं। आलोचक बहुत हैं। उनका कोई अंत नहीं है, क्योंकि ये सब बचाव की तरकीबें हैं। जिंदगी को जानने वाले बहुत कम हैं। और तुम भी कहीं इसी भीड़ में न खो जाना। खो ही जाओगे। अगर जीवन में कोई सूत्र
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