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________________ 'आज' के गर्भाशय से 'कल' का जन्म जाना जीत जाना है। महावीर और मीरा को मिला दो, इनके बीच बड़ी कठिनाई खड़ी हो जाएगी। इनके बीच चर्चा न चल सकेगी। इनकी भाषा अलग होगी। जैसे दोनों दो अलग भाषाएं बोलते हों। एक जर्मन बोल रहा हो और एक जापानी, और कहीं कोई तालमेल न बैठता हो। बैठेगा नहीं। __ पुरुष के लिए स्त्री पहेली रही है। स्त्री के लिए पुरुष पहेली है। स्त्री सोच ही नहीं पाती कि तुम किसलिए चांद पर जा रहे हो? घर काफी नहीं? वही तो यशोधरा ने बुद्ध से पूछा, जब वे लौटकर आए, कि जो तुमने वहां पाया वह यहां नहीं मिल सकता था? ऐसा जंगल भागने की क्या पड़ी थी? यह घर क्या बुरा था? अगर शांत ही होना था तो जितनी सुविधा यहां थी, इतनी वहां जंगल में तो नहीं थी। तुमने कहा होता, हम तुम्हें बाधा न देते। हम तुम्हें एकांत में छोड़ देते। हम सारी सुविधा कर देते कि तुम्हें जरा भी बाधा न पड़े। लेकिन बुद्ध को अगर यशोधरा ऐसा इंतजाम कर देती कि जरा भी बाधा न पड़े—यशोधरा अपनी छाया भी न डालती बुद्ध पर—तो भी बुद्ध बंधे-बंधे अनुभव करते। क्योंकि वे अनजाने तार यशोधरा के चारों तरफ फैलते जाते, और भी ज्यादा फैल जाते। वह छाया की तरह चारों तरफ अपना जाल बुन देती। घबड़ाकर भाग गए। .जो भी कभी भागा है जंगल की तरफ, प्रेम से घबड़ाकर भागा है। और क्या घबड़ाहट है? कहीं प्रेम बांध न ले। कहीं प्रेम आसक्ति न बन जाए। कहीं प्रेम राग न हो जाए। स्त्रियों को जंगल की तरफ भागते नहीं देखा गया। क्योंकि स्त्री को समझ में ही नहीं आता, भागना कहां है? डूबना है। डूबना यहीं हो सकता है। और स्त्री ने बहुत चिंता नहीं की परमात्मा की जो आकाश में है, उसने तो उसी परमात्मा की चिंता की जो निकट और पास है। स्त्री को रस नहीं मालूम होता कि चीन में क्या हो रहा है? उसका रस होता है, पड़ोसी के घर में क्या हो रहा है? पास। तुम्हें कई दफा लगता भी है—पति को–कि ये भी क्या फिजूल की बातों में पड़ी है कि पड़ोसी की पत्नी किसी के साथ चली गयी, कि पड़ोसी के घर बच्चा पैदा हुआ, कि पड़ोसी नयी कार खरीद लाया-ये भी क्या फिजूल की बातें हैं? वियतनाम है, इजराइल है, बड़े सवाल दुनिया के सामने हैं। तू नासमझ! पड़ोसी के घर बच्चा हुआ, यह भी कोई बात है? लाखों लोग मर रहे हैं युद्ध में। इस एक बच्चे के होने से क्या होता है? स्त्री को समझ में नहीं आता कि पड़ोसी के घर बच्चा पैदा होता है, इतनी बड़ी घटना घटती है-एक नया जीवन अवतीर्ण हुआ; कि पड़ोसी की पत्नी किसी के साथ चली गयी—एक नए प्रेम का आविर्भाव हुआ; तुम्हें इसका कुछ रस ही नहीं है! इजराइल से लेना-देना क्या है? इजराइल से फासला इतना है कि स्त्री के मन पर उसका कोई अंकुरण नहीं होता, कोई छाप नहीं पड़ती। दूरी इतनी है। 135
SR No.002378
Book TitleDhammapada 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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