________________
एस धम्मो सनंतनो
तो तू बचा लेता। लेकिन जिनको डूबना ही है, वे नाव में ही डूब जाते हैं। फिर तू क्या करेगा?
मुझे रोकेगा तू ऐ नाखुदा क्या गर्क होने से
कि जिनको डूबना है डूब जाते हैं सफीनों में __सारे धर्म सफीनों में डूब गए। नाव में डूबे। नियम बनाया, उसी में डूबे। अब यह बहुत हो चुका। मैं तुम्हें नाव ही नहीं देता। अगर डूबना ही हो तो नदी में ही डूबना। नाव में क्या डूबना! कहने को तो रहेगा कि नदी में डूबे। यह भी क्या बात हुई कि नाव में डूबे। नाव तो बचाने को होती है। जो नाव में डूबते हैं, उन्हीं को हम पाखंडी कहते हैं।
तो मैं तुमसे कहता हूं, कम से कम एक बात साफ रखना। या तो होश सम्हालना, तो तुम धार्मिक। होश न सम्हाल सको, तो तुम अधार्मिक। मैं दोनों के बीच में कोई जगह नहीं छोड़ रहा हूं। पाखंडी के लिए जगह नहीं छोड़ रहा हूं ___ पाखंडी कौन है? वह आदमी पाखंडी है, जो है तो अधार्मिक, लेकिन धार्मिक नियमों को पालकर चलता है। रोज मंदिर जाता है। अधार्मिक कैसे कहोगे? यद्यपि मंदिर में कभी उसने प्रार्थना नहीं की। क्योंकि जिसे प्रार्थना करनी आती हो वह घर ही मंदिर हो जाता है उसका। उसे मंदिर जाने की कोई जरूरत नहीं रह जाती। वह नियम से भोजन करता है। रात भोजन नहीं करता, दिन भोजन करता है। लेकिन इससे उसकी हिंसा नहीं जाती। शायद हिंसा और बढ़ जाती है। ___ मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि मांसाहारी व्यक्ति कम क्रोधी होते हैं। शिकारी को तुम अक्सर कम क्रोधी पाओगे। क्योंकि उसकी हिंसा निकल जाती है। मार लेता है जाकर जंगल में सिंह को। अब जिसने सिंह को मार लिया, वह तुम्हें मारने को उत्सुक भी नहीं होता। तुम्हें मारना भी क्या! अब कोई बैठे हैं दुकान पर ही माला जप रहे हैं, वह कभी कहीं गए नहीं, किसी को मारा नहीं, कोई झगड़ा-झांसा लिया नहीं, वह तैयार बैठे हैं। वह चींटी पर भी टूट पड़ें, सिंह की तो बात दूर! बहाना भर चाहिए उनको। उनकी हिंसा का निकास नहीं हो पाया।
नियम देने का एक ही परिणाम हुआ है संसार में, और वह यह है कि लोग नियम को पूरा कर लेते हैं और होश को गंवा देते हैं।
जीसस के जीवन में उल्लेख है, एक आदमी आया-निकोडेमस। वह बहुत धनी आदमी था। उसने जीसस से कहा कि मुझे भी बताएं कि मेरे जीवन में क्रांति कैसे हो और मैं परमात्मा को कैसे पाऊं। तो जीसस ने कहा कि जो नियम मूसा ने दिए हैं-दस नियम, दस आज्ञाएं-उनका पालन करो। तुम पढ़े-लिखे हो, तुम्हें पता है। उसने कहा कि मैं उनका अक्षरशः पालन करता है, फिर भी जीवन में कोई क्रांति नहीं हुई। न मैं चोरी करता। न मैं किसी स्त्री की तरफ बुरे भाव से देखता। दान देता हूं, प्रार्थना करता हूं, पूजा करता हूं। जैसा धार्मिक जीवन होना चाहिए, निभाता