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________________ आक्रामक बही, आक्रांत ठोबा श्रेयस्कर है जूडो कहता है कि जब तुम्हारे हाथ पर कोई चोट मारे, तुम्हारा हाथ कोमल हो। अगर हाथ कोमल है तो एक बहुत बड़ी ऊर्जा की घटना घटती है। वह घटना यह है कि चूंसा एक खास मात्रा की ऊर्जा और विद्युत लेकर आ रहा है। वह आदमी नासमझ है। वह अपनी ऊर्जा गंवाने को तैयार है। क्योंकि जब तुम किसी को घूसा मारते हो तो तुम्हारी खास मात्रा में ऊर्जा व्यय हो रही है। घंसा ऐसे ही नहीं मारा जाता। इसीलिए तो दो-चार-दस घूसों के बाद तुम थक जाओगे; क्योंकि ऊर्जा चुक गई। जूडो कहता है, जब कोई तुम्हें ऊर्जापूर्ण हाथ से चोट कर रहा है तब तुम पीने को तत्पर रहो, लड़ने को नहीं। वह जो ऊर्जा आ रही है तुम्हारे हाथ पर, उसको तुम पी जाओ, विरोध मत करो, तुम खाली जगह दे दो। इसको लाओत्से ने कहा है स्त्रैण होने की कला। जैसे स्त्री पी जाती है पुरुष की ऊर्जा को ऐसे तुम इस ऊर्जा को पी जाओ। जगह दे दो; कोमल रहो। और तुम पाओगे कि जो ऊर्जा उसने फेंकी वह तुम्हारे शरीर का हिस्सा हो गई। और अब तो इसको जांचने के वैज्ञानिक उपाय भी हैं। बराबर निश्चित ही उसकी शरीर की ऊर्जा तुम्हारे शरीर में प्रवेश कर जाती है। इसको लाओत्से कहता है बिना चोट किए, बिना हराए हराना। तुम उसको चोट करने दो। मगर जूडो सीखने में लोगों को दस से लेकर बीस साल तक लग जाते हैं। क्योंकि हमारी आदतें लड़ने की इतनी पुरानी हैं कि उनको छोड़ना मुश्किल। बार-बार लौट आती हैं। जब कोई जूडो सीख लेता है, तुम उसे हरा नहीं सकते। और वह तुम्हें हराएगा नहीं, और तुम हार जाओगे। क्योंकि वह तुम्हें थका डालेगा। तुम चोट करोगे, और वह तुम्हारी ऊर्जा को पीता रहेगा। पांच-सात मिनट के भीतर तुम पाओगे तुम थक गए। तब तुम्हें सिर्फ हाथ का धक्का दे देना काफी है और तुम चारों खाने चित्त पड़े होगे। उतना भी जरूरी नहीं है। अगर जूडो का आदमी पूरा कुशल हो तो तुम्हें एक ऐसी हालत में ला देगा थका-थका कर कि तुम खुद ही गिर कर चारों खाने चित्त हो जाओगे। तुम उससे हाथ जोड़ लोगे कि तू भैया, जा! बड़ा महत्वपूर्ण शास्त्र है दुनिया में। बहुत कम शास्त्र इतने महत्वपूर्ण हैं जितना जूडो या जुजुत्सु या अकीदो। ये तीन शास्त्र जापान और चाइना में विकसित हुए। बड़ी अदभुत कलाएं हैं। तुमने देखा, शराबी रास्ते पर गिर पड़ता है तो चोट नहीं आती। शराबी कोमलता से गिरता है। उसे पता ही नहीं कि वे गिर रहे हैं, तो अकड़ेंगे कैसे? तुम गिरो, पच्चीस जगह हडियां टूट जाएंगी। शराबी रात भर पड़ा रहता है सड़क पर, अनेक जगह गिरता है, फिर उठता है। सुबह तुम देखो, वे नहा-धोकर फिर दफ्तर की तरफ जा रहे हैं। बिलकुल ठीक-ठाक हैं। रात तुम सोचते हो कि इनको तो अस्पताल में न मालूम कितने दिन रहना पड़ेगा। शराबी जूडो जानता है; पता नहीं है उसे। लेकिन वह होश में ही नहीं है, तो गिरता है तो वह समझता ही नहीं कि गिर रहे हैं। वह गिर जाता है। बस गिर जाता है; कोई लड़ाई नहीं है। और जब लड़ाई नहीं होती तो पृथ्वी और उसके बीच कलह नहीं है। और जब कोई लड़ाई नहीं है तो वह बिलकुल गिर जाता है, जैसे कि मां की गोद में गिर रहा हो। इसलिए हड्डियां नहीं टूटतीं। छोटे बच्चे भी दिन भर गिरते हैं, और कुछ नहीं बिगड़ता। अभी उन्होंने हार्वर्ड में एक प्रयोग किया। एक पहलवान को रखा एक बच्चे के पीछे कि आठ घंटे जो बच्चा करे वही तुम्हें करना है। तो देखें कि बच्चे के पास ऊर्जा कितनी है! छह घंटे बाद पहलवान पस्त हो गए। और उसने कहा कि हाथ जोड़े! बहुत पैसा उसको दिया जाने वाला था। उसने कहा, लेकिन यह आठ घंटा हम पूरा नहीं कर सकते। यह हमें मार ही डालेगा। और बच्चा और मजे में आ गया। जब उसने देखा कि कोई उसका अनुकरण करता है-वह उचकता है तो पहलवान उचकता है, वह गिरता है तो पहलवान गिरता है तो बच्चे ने तो पूरा आनंद लिया। और बच्चा बिलकुल नहीं थका था। वह आठ घंटे के बाद बिलकुल ताजा था। रोज तो थोड़ा सो भी जाता था, आज सोया भी नहीं। इस पहलवान को उसने बिलकुल मिट्टी में 117
SR No.002376
Book TitleTao Upnishad Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1995
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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