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________________ ताओ उपनिषद भाग ५ लेकिन अगर तुमने ज्यादा जबरदस्ती की तो पुलिसवाले की स्थिति खुल जाती है। तब लोग देख लेते हैं कि इस वर्दी के पीछे भी छिपा तो साधारण आदमी ही है। मारो पत्थर, यह भी भागता है। उठाओ लट्ठ, यह भी छिपता है। एक बार लोगों को पता चल गया कि पुलिसवाले के पीछे भी साधारण आदमी है और राष्ट्रपति के पीछे भी साधारण आदमी है, और बाकी सब ऊपरी चाकचिक्य है, भीतर कुछ खास नहीं है; यह भी वैसे ही डरा हुआ है जैसे कि हम डरे हुए हैं; यह भी वैसे ही घबड़ाया हुआ है जैसे हम घबड़ाए हुए हैं; एक बार आस्था उठ गई, फिर जमानी बहुत-बहुत मुश्किल है। वही हो जाता है जब तुम ज्यादा उपाय करने लगते हो। पुलिस सब उपाय कर रही है। अब उसके पास कुछ सुरक्षित उपाय बचा भी नहीं है। व्यवस्था तुम्हारी बड़ी तलवारों से नहीं चलती। तुम्हारा तलवार उठाना यह बताता है कि तुम घबड़ा गए हो। पुलिस का गोली चलाना यह बताता है कि पुलिस घबड़ा गई है और जनता ने पुलिस की हिम्मत तोड़ दी है। इंग्लैंड की पुलिस को सूचना है कि बिलकुल असंभव स्थिति में ही चोट की जाए, क्योंकि चोट खतरनाक है। क्योंकि चोट करके तुम यह बता रहे हो कि तुम्हारा होना काफी नहीं है, तुम्हारी मौजूदगी काफी नहीं है। इंग्लैंड भर अकेला मुल्क है जो इस पूरी सदी में सबसे ज्यादा व्यवस्थित है। और कारण है कि व्यवस्था करने की बहुत चेष्टा नहीं है। क्योंकि चेष्टा जितनी ज्यादा की जाए उतना ही साफ होता जाता है कि चेष्टा करने वालों की भी कोई ताकत नहीं है। क्या करोगे तुम? भीड़ बड़ी है, अराजकता फैल जाएगी। लाओत्से कहता है, कैसे मैंने जाना? कहता है, मैंने जाना यह देख कर कि जितने तेज शस्त्र होते हैं, उतनी ही अराजकता बढ़ती है। शस्त्रों पर भरोसा मत करो। व्यवस्था एक मनोदशा है, व्यवस्था कोई तलवार नहीं है। और ध्यान रखो, मरता क्या न करता! क्योंकि अगर तुम मारने पर उतारू हो गए तो जो मर रहा है वह भी मारने पर उतारू हो जाता है। और एक बार जनता मारने पर उतारू हो जाए, फिर कोई उपाय नहीं है; फिर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। बड़े से बड़े सम्राट धूल में गिरते देखे जाते हैं। हेलसिलासी अभी-अभी गिरा धूल में। वह शक्तिशाली आदमी था। चालीस साल तक सख्ती से उसने हुकूमत की। और ऐसे गिर गया जैसे कि घास का पुतला हो। क्या हो गया? सख्ती ही यहां ले आई। जनता उस सीमा पर आ गई जहां अब कुछ खोने का डर न रहा। उलटा दिया। हेलसिलासी को उलटाना बड़ी अनूठी घटना है; कोई सोच भी नहीं सकता था। क्योंकि वह कहता था किंग ऑफ किंग्स अपने को, कि वह राजाओं का राजा है। और था भी वह शक्तिशाली आदमी। और चालीस साल तलवार के बल पर उसने हुकूमत की। लेकिन ऐसे गिर गया जैसे खेत में खड़ा हुआ धोखे का आदमी गिर जाता है, आवाज भी न हुई। जिस दिन उसको उतारा राज-सिंहासन से उस दिन सिर्फ दो आदमी अंदर गए और उन्होंने उससे कहा कि आप बाहर चल कर कार में बैठ जाएं। स्थिति को भांप कर...। क्योंकि जनता पूरे विरोध में है, और पूरा सैनिक धीरे-धीरे जनता के साथ हो गया। क्योंकि आखिर सैनिक जनता का हिस्सा है। कब तक तुम सैनिक से जनता को पिटवाओगे? अगर जनता को तुम सैनिक से पिटवाओगे तो आज नहीं कल सैनिक भी समझ जाएगा कि मैं अपने को ही पीट रहा है। ये मेरी मां है, मेरे पिता हैं, मेरे भाई हैं, मेरे बेटे हैं। यह कितनी देर चल सकता है? तुम सैनिक और जनता के बीच कितनी देर फासला रख सकते हो? क्योंकि सैनिक आता तो जनता से है। वर्दी उतारी कि वह भी जनता का हिस्सा हो जाता है। यह वर्दी का धोखा कितनी देर? सैनिक भी विरोध में हो गया। सिर्फ दो सैनिक भीतर गए और हेलसिलासी से कहा कि आप उठें, बिना कुछ ना-नुच किए, बाहर खड़ी गाड़ी में बैठ जाएं। हेलसिलासी ने चारों तरफ देखा और चुपचाप उठ कर बाहर आया। 216
SR No.002375
Book TitleTao Upnishad Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1995
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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