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शिशुवत चनिन ताओ का लक्ष्य है
गया है। तुम उसके चरणों में सिर भी रखोगे; क्योंकि उससे और बड़ी कोई ऊंचाई नहीं। तुम्हारा सारा हृदय उसकी तरफ बहेगा; क्योंकि उससे बड़ा तुम कोई प्रेम-पात्र न पा सकोगे।
संतों को जिन्होंने मारा है वे निश्चित विचारणीय लोग हैं। क्योंकि संतत्व के निकट सहज ही प्रेम उपजता है, बचाने का भाव उपजता है। तुम संत को आशीर्वाद भी देना चाहोगे-अपने गहनतम हृदय से! तुम उससे आशीर्वाद भी पाना चाहोगे और उसे आशीर्वाद भी देना चाहोगे। तुम अपने जीवन को खोकर भी उसके जीवन को बचाने की आकांक्षा करोगे। इसलिए बड़ी अनूठी घटना है कि जब कोई जुदास जीसस को धोखा देता है। क्योंकि असंभव जैसी घटना है, पर घटती है। इससे पता चलता है कि कितनी आदमी की ऊंचाई हो सकती है और कितनी आदमी की नीचाई हो सकती है। जीसस जैसी ऊंचाई हो सकती है, जुदास जैसी नीचाई हो सकती है।
इसलिए जुदास नाम भी अपमानित हो गया। यहूदियों में जुदास का नाम बहुत प्रचलित नाम था। जीसस के बारह शिष्यों में दो का नाम जुदास था। बहुत प्रचलित नाम था। जिस गांव में जाओगे सौ-पचास जुदास पाओगे। कुछ नाम सभी जगह प्रचलित होते हैं। लेकिन जीसस को सूली देने के बाद वह नाम रखना भी मुश्किल हो गया। उस नाम में ही निंदा हो गई। वह नाम ही घृणित हो गया। क्या हो गया? क्योंकि इससे और नीचाई क्या हो सकती है कि एक शिशुवत व्यक्ति को इस जुदास ने सूली पर लटकवा दिया? पीड़ा फिर उसको भी अनुभव हुई तत्क्षण, क्योंकि इतना बुरा आदमी भी नहीं हो सकता न! कितना ही बुरा रहा हो, उसे भी यह प्रगाढ़ अनुभव हुआ कि यह मैंने क्या किया? तीस रुपए में बेच दिया! केवल तीस रुपए मिल थे उसे, तीस चांदी के सिक्के। उस आधार पर उसने जीसस को धोखा दे दिया, पकड़वा दिया।
और एक आदमी यह जीसस है कि जाने के पहले, विदा होने के पहले उसने सबके पैर धोए। उसमें जुदास के पैर भी थे। एक शिष्य ने पूछा कि यह आप क्या कर रहे हैं? आप और हमारे पैर धो रहे हैं। हम अपने आंसुओं से धोएं, अपने प्राणों से धोएं, तो भी थोड़ा है। लेकिन आप क्यों यह कर रहे हैं? तो जीसस ने कहा, ताकि तुम्हें याद रहे। क्योंकि ये मेरे आखिरी क्षण हैं। जल्दी ही तुममें से कोई मुझे धोखा देगा। यह रात आखिरी है। ताकि तुम्हें याद रहे। और जो मैंने तुम्हारे साथ किया, तुम नीचे से नीचे व्यक्ति के साथ वही करना। क्योंकि अगर मैं तुम्हारे पैर धो सकता हूं तो फिर तुम किसी के भी पैर धोने के योग्य हो और कोई भी तुमसे पैर धुलाने के योग्य है। तुम छोटे से छोटे हो जाना। जो मैंने तुम्हारे साथ किया है वह तुम दूसरों के साथ करना, और सदा याद रखना। और यह भी याद रखना कि जो मुझे धोखा देगा क्षण भर बाद, उसके भी मैं पैर धो रहा हूं। तुम उस पर भी नाराज मत होना।
. एक ऊंचाई यह हो सकती है! .
__ और तब जीसस ने जुदास के पैर धोने के बाद कहा कि अब तू जल्दी कर, क्योंकि रात बीतने के करीब है। कोई भी नहीं समझा कि जीसस क्या कह रहे हैं। तू जल्दी कर, तुझे जो भी करना है जल्दी कर। क्योंकि अब रात बीतने के करीब है। और जुदास वहां से नदारद हो गया। उसने तीस रुपए लिए और लोगों को खबर दे दी कि जीसस कहां हैं। जीसस को जब पकड़ कर ले जाया गया तब उसके प्राणों को पीड़ा हुई। तब वह समझा कि उसने क्या कर दिया है। तीस रुपए के अंधेपन में उसने क्या कर दिया है! ये तीस ठीकरे किस काम के हैं? उसे बोध हुआ। वह भागा और जाकर उसने प्रधान पुरोहित को, जिसने तीस रुपए दिए थे, जाकर तीस रुपए उसके ऊपर फेंक दिए और कहा कि रख लो अपने ये रुपए। और उसने जाकर आत्महत्या कर ली। जुदास जीसस को सूली लगने के बाद ही आत्महत्या कर लिया उसी दिन।
ये दो छोर हैं। नीचे-नीचे तुम अगर जाओ तो अंत में सिर्फ आत्महत्या के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है। और इससे बड़ी क्या नीचाई होगी–एक शिशुवत व्यक्ति को धोखा दे दिया। जिसका तुम पर इतना भरोसा था कि
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