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हृदय को खोलना
हृदय को खोलना
हुए हैं।
दय सत्य का द्वाररहित द्वार है। बुद्धि से हृदय पर लौट आओ । हृ हमारी समस्या है, एकमात्र यही समस्या है। और इसका एक ही समाधान है : बुद्धि से हृदय पर उतर आओ, और सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। वे बुद्धि से ही निर्मित होती हैं। और अचानक सब कुछ इतना स्पष्ट और इतना पारदर्शी हो उठता है कि व्यक्ति चकित रह जाता है कि कैसे वह लगातार समस्याएं आविष्कृत करता जा रहा था ।
रहस्य तो बने रहते हैं परंतु समस्याएं विलीन हो जाती हैं। रहस्य तो भरपूर रहते हैं, परंतु समस्याएं वाष्पीभूत हो जाती हैं। और रहस्य सुंदर हैं। उन्हें सुलझाना नहीं है। उन्हें जीना है ।।
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