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________________ मिस्टिक रोज़ ध्यान स्टिक रोज़ का प्रतीक एक इंगित है कि यदि व्यक्ति उस बीज को संभाल कर रखे जिसे लेकर वह पैदा हुआ है, उसे सही भूमि और सही वातावरण दे, उसे सही ऊर्जा दे, और उस सही दिशा में चले जहां बीज अंकुरित हो सके तो उसके परम विकास को "मिस्टिक रोज़" के, रहस्यदर्शी गुलाब के प्रतीक में अभिव्यक्त किया गया है-जब तुम्हारे प्राण अपनी सारी पंखुड़ियों को खोलकर खिल जाते हैं और अपनी सुवास बिखेर देते हैं। "मिस्टिक रोज़" ध्यान जो लोग गहरे जाना चाहते हैं, उनके काट डालेगी। सात दिन तक लगातार, ले आता है। लेकिन अपने अंतस के लिए मैंने एक नई ध्यान विधि निर्मित की तीन घंटे रोज...तुम कल्पना भी नहीं कर मंदिर तक पहुंचने के लिए तुम्हें अभी भी है। पहला चरण होगा हंसना–तीन घंटे सकते कि तुम्हारे भीतर कितना रूपांतरण कुछ कदम चलने होंगे, क्योंकि तुमने तक लोग बिना किसी कारण के हंसें। होगा। इतनी उदासी, इतनी निराशा, इतनी और जब भी हंसी चुकने लगे वे फिर जोर और फिर दूसरा चरण आंसुओं का है। चिंताओं और इतने आंसुओं को दबाया से कहें “या-हू"! और हंसी लौट पहला चरण वह सब कुछ साफ कर है-वे सब मौजूद हैं, और तुम्हें घेरकर आएगी। तीन घंटे तक गहरे जाने के बाद डालता है जो तुम्हारी हंसी में बाधा देता तुम्हारे सौंदर्य, तुम्हारे प्रसाद, तुम्हारे तुम हैरान होओगे कि तुम्हारे प्राणों पर है-पुरानी मनुष्यता के सब निषेध, सब आनंद को नष्ट कर रहे हैं। धूल की कितनी परतें जमी हुई हैं। यह दमन; पहला चरण इन सबको काट प्राचीन मंगोलिया में एक पुरानी धारणा हंसी तलवार की तरह उन्हें एक वार में डालता है। तुम्हारे भीतर एक नई अवस्था थी कि हर जन्म में जिस भी पीड़ा को हम
SR No.002367
Book TitleDhyanyog Pratham aur Antim Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1990
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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