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ध्यान का विज्ञान
तीन अनिवार्यताएं
मुक्ति हेतु दिशा-निर्देश
यान में कुछ अनिवार्य तत्व हैं,
नाविधि कोई भी हो, वे अनिवार्य तत्व हर विधि के लिए। आवश्यक हैं। पहली है एक विश्रामपूर्ण अवस्थाः मन के साथ कोई संघर्ष नहीं, मन पर कोई नियंत्रण नहीं; कोई एकाग्रता नहीं। दूसरा, जो भी चल रहा है उसे बिना
जीवन उसके लिए मस्ती है, जीवन एक किसी हस्तक्षेप के, बस शांत सजगता से
लीला, एक खेल है। वह जीवन का परम देखो भर-शांत होकर, बिना किसी
आनंद लेता है। वह गंभीर नहीं होता, निर्णय और मूल्यांकन के, बस मन को लाखों लोग ध्यान से चूक जाते हैं विश्रामपूर्ण होता है। 16 देखते रहो।
क्योंकि ध्यान ने गलत अर्थ ले ये तीन बातें हैं: विश्राम, साक्षित्व, लिए हैं। ध्यान बहुत गंभीर लगता है, अ-निर्णय-और धीरे-धीरे एक गहन उदास लगता है, उसमें कुछ चर्च वाली धैर्य रखो मौन तुम पर उतर आता है। तुम्हारे भीतर बात आ गई है; लगता है यह उन्हीं लोगों। की सारी हलचल समाप्त हो जाती है। तुम के लिए है जो या तो मर गए हैं या जल्दबाजी मत करो। बहुत बार हो, लेकिन 'मैं हूं' का भाव नहीं है-बस करीब-करीब मर गए हैं जो उदास हैं, जल्दबाजी से ही देर लग जाती है। एक शुद्ध आकाश है। ध्यान की एक सौ गंभीर हैं, जिनके चेहरे लंबे हो गए हैं; जब तुम्हारी प्यास जगे, तो धैर्य से प्रतीक्षा बारह विधियां हैं; मैं उन सभी विधियों पर जिन्होंने उत्साह, मस्ती, प्रफुल्लता, उत्सव करो—जितनी गहन प्रतीक्षा होगी, उतने बोला हूं। उनकी संरचना में भेद है, परंतु सब खो दिया है।।
जल्दी ही वह आएगा। उनके आधार वही हैं: विश्राम, साक्षित्व यही तो ध्यान के गुणधर्म हैं : जो व्यक्ति तुमने बीज बो दिए, अब छाया में बैठ और एक निर्विवेचनापूर्ण दृष्टिकोण। 15 वास्तव में ध्यानी है वह खेलपूर्ण होगा; रहो और देखो क्या होता है। बीज टूटेगा,