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मृत्यु में प्रवेश
मृत्यु में प्रवेश
वन मृत्यु की ओर एक तीर्थयात्रा है। प्रारंभ से ही मृत्यु आने
लगती है। जन्म के क्षण से ही मृत्यु तुम्हारी ओर आनी शुरू हो गई है; तुम मृत्यु की ओर चल पड़े हो।
और मनुष्य के मन के साथ सबसे बड़ी दुर्घटना घटी है कि वह मृत्यु के विरुद्ध है। मृत्यु के विरुद्ध होने का अर्थ है कि तुम महानतम रहस्य को चूक जाओगे। और मृत्यु के विरुद्ध होने का यह भी अर्थ है कि तुम स्वयं जीवन को ही चूक जाओगे क्योंकि वे एक-दूसरे में गहन रूप से आबद्ध हैं; वे दो नहीं हैं। जीवन विकास है, मृत्यु उसकी खिलावट है। यात्रा और लक्ष्य भिन्न नहीं हैं—यात्रा लक्ष्य पर पूर्ण होती है।।
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