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________________ ध्वनिरहित नाद का श्रवण ध्वनिरहित नाद का श्रवण नकी श्रवण ऊर्जा से संबंधित ध्यान की विधियां निष्क्रिय और मास्त्रैण हैं। तुम्हें कुछ करना नहीं है; तुम्हें बस सुनना है। पक्षियों की आवाजें, हवाओं का वृक्षों से गुजरना या कोई संगीत या ट्रैफिक की आवाजें, यातायात वाहनों का शोरगुल–बस सुनना, कुछ और न करना-एक गहन मौन भीतर उठता है, एक गहन शांति तुममें उतरने और बरसने लगती है। आंखों के बदले कानों से इसका घटित होना अधिक सरल है। कानों से यह सरल है, क्योंकि कान निष्क्रिय और अनाक्रामक हैं। कान अस्तित्व में कोई बाधा नहीं डाल सकते; वे केवल चीजों को घटित होने दे सकते हैं। कान द्वार है-वह घटनाओं को प्रवाहित होने देता है।। 151
SR No.002367
Book TitleDhyanyog Pratham aur Antim Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1990
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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