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ध्यान की विधियां
होते जाते हो। तुम एक काला खड्डु बन यद्यपि ताओ के किसी शास्त्र में इसका प्रतिबिंब से लौटकर तुम तक वापस आने जाते हो।
उल्लेख नहीं है, फिर भी मुझे यह बहुत देना ताकि ऊर्जा का एक पूरा वृत्त निर्मित ताओ के साधकों का अनुभव है कि यह सरल विधि लगती है, जिसका अभ्यास हो जाता है। और जब भी ऊर्जा का पूरा ऊर्जा जो तुम्हारी बहिर्मुखता में तुम खर्च कोई भी व्यक्ति कर सकता है और वृत्त बनता है-एक गहन मौन भीतर उतर करते हो, इसे अधिक से अधिक भीतर बहुत आसानी से।।
आता है। इकट्ठा और एकजुट किया जा सकता यदि अपने स्नानगृह में दर्पण के सामने खड़े अधूरा वृत्त बेचैनी पैदा करता है और तुम इसे वापस लौटा लेने की ध्यान-विधि हुए पहले तुम दर्पण में अपने प्रतिबिंब को जब ऊर्जा का वृत्त पूरा होता है तब वह सीख लो। यह संभव है। यही तो देखते हो। तुम देख रहे हो और प्रतिबिंब गहन विश्राम को जन्म देता है। वह तुम्हें एकाग्रचित्तता की समस्त विधियों का तुम्हारा विषय है। फिर पूरी स्थिति को केंद्रस्थ कर देता है और केंद्रस्थ होना विज्ञान है।
बदल डालो, प्रक्रिया को उलटा कर दो। ऊर्जावान होना है। यह तुम्हारी स्वयं की. किसी दिन दर्पण के सामने खड़े होकर अनुभव करो कि तुम प्रतिबिंब हो और शक्ति है। एक छोटा-सा प्रयोग करो। तुम दर्पण में दर्पणवाला प्रतिबिंब तुम्हें देख रहा है। तुरंत यह एक तरह का प्रयोग है; तुम इसे देख रहे हो-तुम दर्पण में अपना चेहरा, तुम एक परिवर्तन घटित होता हुआ और दूसरे ढंग से भी कर सकते हो। अपनी आंखें देख रहे हो। यह बहिर्मुखता देखोगे-एक विराट ऊर्जा तुम पर आती गुलाब के फूल के पास जा कर पहले है: तुम दर्पण में प्रतिबिंबित चेहरा देख रहे. हुई।
उसे कुछ क्षणों के लिए, कुछ मिनटों के हो-निश्चय ही अपना खुद का चेहरा शुरू में हो सकता है कि यह घटना तुम्हें लिए देखो और फिर उसकी विपरीत देख रहे हो, लेकिन यह प्रतिबिंब तुमसे भयभीत करने वाली लगे क्योंकि तुमने न प्रक्रिया शुरू करो कि गुलाब का फूल तुम्हें बाहर का एक विषय है।
कभी यह प्रयोग किया है और न ही तुम देख रहा है। तुम आश्चर्यचकित हो फिर एक क्षण के लिए इस पूरी प्रक्रिया इस घटना से परिचित हो। यह तुम्हें एक जाओगे कि गुलाब का फूल तुम्हें कितनी को उलटा कर दो। यह अनुभव करना विक्षिप्त बात लग सकती है। तुम शायद ऊर्जा दे सकता है। शुरू करो कि दर्पण में प्रतिबिंबित चेहरे झकझोरे गए अनुभव कर सकते हो; तुममें यह प्रयोग वृक्षों, सितारों और व्यक्तियों द्वारा तुम देखे जा रहे हो-ऐसा नहीं कि एक कंपकंपी भी उठ सकती है; या तुम के साथ भी किया जा सकता है। बहुत तुम दर्पण में प्रतिफलित बिंब को देख रहे अस्तव्यस्त हुआ अनुभव कर सकते हो अच्छा होता है इसे उस स्त्री या पुरुष के हो, वरन ऐसा कि दर्पण में प्रतिबिंबित क्योंकि अब तक के तुम्हारे सारे संस्कार साथ करना जिसे तुम प्रेम करते हो। बस चेहरा तुम्हें देख रहा है। और फिर तुम एक बहिर्मुखता के रहे हैं। अंतर्मुखता को एक-दूसरे की आंखों में झांको। पहले अजीब स्थिति अनुभव करोगे।
धीरे-धीरे सीखना होगा। लेकिन तभी वृत्त दूसरे में देखना शुरू करो, फिर अनुभव कुछ मिनटों के लिए इसका प्रयोग पूरा होता है।
करो कि दूसरा व्यक्ति ऊर्जा को तुम पर करो; तुम बहुत जीवंत हो उठोगे और एक यदि तुम इस प्रयोग को कुछ दिन करो वापस लौटा रहा है; उपहार वापस लौट विराट अज्ञात शक्ति तुममें प्रविष्ट होने तो तुम आश्चर्य से भर जाओगे कि पूरे कर आ रहा है। तुम आपूरित हुआ, स्नान लगेगी। तुम शायद भयभीत भी हो जाओ, दिन अब तुम कितना ज्यादा जीवंत अनुभव किया हुआ, एक नई ऊर्जा से भीगा हुआ क्योंकि तुमने इसे कभी नहीं जाना है; तुमने करने लगे हो। बस कुछ मिनट के लिए अनुभव करोगे। तुम इससे गुजरकर ज्यादा ऊर्जा के पूर्ण वृत्त को कभी नहीं देखा है। दर्पण के सामने खड़े होना और ऊर्जा को प्राणवान, ज्यादा जीवंत अनुभव करोगे। 4
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