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________________ अध्यात्म के प्रयोक्ता के विषय में यह वक्तव्य अत्यन्त मार्मिक एवं प्रेरक है-'मैं तो बहुत बार यह सोचता हूं कि साधना करनी ही न पड़े, सहज हो जाए, यह स्थिति सुंदर है। साधना-काल में साधक ध्यान के साथ जप का प्रयोग भी करता है। जप के लिए एक मंत्र है 'सोऽहम्'। 'सोऽहम्' शब्द का उच्चारण बहुत स्थूल बात है। जो श्वास लें वह 'सोऽहम् में परिणत हो जाए, तब साधना . का क्रम आगे बढ़ता है। सोऽहं, सोऽहं, सोऽहं, के जप में इतनी तल्लीनता आ जाए कि सोऽहं, हंसोऽहं, में परिणत हो जाए। यह हंस क्या है ? परम हंस, परमात्मा ही तो है। चेतना जब निर्मल बन जाती है, हंस बन जाती है, विवेकी बन जाती है, तब ही साधना की निष्पत्ति आ पाती है। समस्या से पीड़ित कोई व्यक्ति जब गुरुदेव के चरणों में उपस्थित होता था तो उसको भी वे मंत्र-जाप के लिए प्रेरित करते थे। चाहे वह शारीरिक-व्याधि की समस्या से पीड़ित हो या मानसिक रूप से परेशान हो, गुरुदेव द्वारा प्रदत्त-मंत्र का जाप उसके लिए रामबाण औषधि का कार्य करता था। कभी किसी शोक-संतप्त परिवार को संदेश देते समय भी वे मंत्र-जाप के निर्देश की बात नहीं भूलते थे। 'ॐ भिक्षु जय भिक्षु, सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु, ॐ असि आ उ सा नमः आदि कुछ मंत्र तो उनके सिद्ध मंत्र थे अतः इन मंत्रों के जाप का निर्देश तो वे देते ही रहते थे। अभिनव सामायिक के क्रम में भी उन्होंने १५ मिनट जप का प्रावधान रखा। प्रायोगिक रूप से जब अभिनव सामायिक के क्रम में वे जप का प्रयोग करवाते थे तो जप की लयबद्धता और तल्लीनता करने वालों को ही नहीं, दर्शकों को भी बांध लेती थी। ५ सितम्बर, १९९६ को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के अधिवेशन में हजारों युवकों को 'अ सि आ उ सा' एवं 'अ भी रा शि को नम:' का जाप करवाया। जप के बाद उसके माहात्म्य को प्रकट करते हुए गुरुदेव ने फरमाया- 'इस जप में तेरापंथ के विशिष्ट संतों की स्तुति है। इसके जप से अचिन्त्य चमत्कार घटित होता है इसलिए मैं स्वयं इस मंत्र के चमत्कार का प्रमाण हूं।' ताराचंदजी बैद की धर्मपत्नी कलकत्ती देवी बैद ने प्रसवकाल में पिपलामूल ली। परहेज न रखने से उसका विपरीत असर हो गया। उनको
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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