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________________ अध्यात्म के प्रयोक्ता आसन-प्राणायाम से जों ऊष्मा और सक्रियता मिलती है, वह स्थायी होती है। इससे बौद्धिक और मानसिक क्षमताओं का अकल्पित विकास होता है। आसनों के समुचित प्रयोग से ऊर्जा संतुलित होती है, शरीर में हल्कापन आता है, मानसिक प्रसन्नता, स्फूर्ति एवं दीप्ति बढ़ती है, अतिरिक्त चर्बी समाप्त होती है और स्नायविक दृढ़ता बढ़ती है।' । बंगाल यात्रा का प्रसंग है। पूज्य गुरुदेव आसन-प्राणायाम का अभ्यास कर रहे थे। अचानक उड़ीसा से अनेक दर्शनार्थी भाई वहां पहुंच गए। दर्शन के बाद मुनि श्रीचंदजी ने दर्शनार्थी भाइयों को वहां बैठने का निषेध कर दिया। वहां से उठते हुए एक भाई बोला-'उठो भाइयों! यह गुरुदेव के नाश्ते का समय है।' आचार्य बनने के बाद लगभग ४० सालों तक गुरुदेव प्रातःकाल नाश्ते में कुछ नहीं लेते थे, प्रहर करते थे अत: मुनिश्री ने कहा-'यह समय आहार का नहीं है।' गुरुदेव ने तत्काल मुनिश्री की बात को संशोधित करते हुए कहा-'क्या आसन से खुराक नहीं मिलती? आसन से जो पुष्टता प्राप्त होती है, वह अच्छे से अच्छे भोज्य पदार्थ से भी नहीं मिल सकती।' पूज्य गुरुदेव ने साधु-साध्वियों के लिए सात ध्रुव योगों का निर्धारण किया, जिसमें एक है-योगासन। पूज्य गुरुदेव हलासन, सर्वांगासन, मत्स्यासन, पवनमुक्तासन, उत्तानपादासन, पश्चिमोत्तानासन, उत्कटुकासन, नाभिदर्शन, गोदोहिकासन आदि आसन प्रतिदिन करते थे। इसके अतिरिक्त पेट की कुछ क्रियाएं एवं प्राणायाम का क्रम भी नियमित चलाते थे। ८३ साल की उम्र में भी उनकी आसन-प्राणायाम के प्रति सघन निष्ठा उन लोगों को प्रेरणा देती थी, जो जवानी में भी हाथ-पैर हिलाना नहीं चाहते। कायोत्सर्ग की साधना कायोत्सर्ग अध्यात्म साधना की आधारभूमि है। यह देहाध्यास से मुक्ति का महत्त्वपूर्ण प्रयोग है। जब तक शरीर के प्रति ममत्व रहता है, पकड़ रहती है, कायोत्सर्ग की साधना का प्रारम्भ ही नहीं हो सकता। महावीर ने स्थान-स्थान पर मुनि के लिए कायोत्सर्ग करने का विधान किया है तथा इसे सब दुःखों से मुक्त होने का उपाय बताया है। कायोत्सर्ग आत्मा को निर्मल, पवित्र, निःशल्य और विशुद्ध बनाने की प्रक्रिया है। मुनि
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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