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________________ ४५ अध्यात्म के प्रयोक्ता का शरीर और मन पर क्या असर पड़ता है ? जिस पदार्थ को खाने से स्वास्थ्य और ध्यान में बाधा आए, उससे बचते रहना चाहिए। मेरा अनुभव है कि शाम को हल्का भोजन करने से शरीर में स्फूर्ति और मन में प्रसन्नता बनी रहती है। गरिष्ठ भोजन से आलस्य बढ़ता है और स्वाध्याय, ध्यान में मन नहीं लगता। इसी प्रकार जीवन के छह दशकों तक प्रातः नाश्ते का परिहार भी उनका विशिष्ट अनुभूत प्रयोग है। खाद्य-संयम का एक और अनुभव उन्हीं की भाषा में पठनीय है- 'मेरा अनुभूत प्रयोग है कि अन्न की अधिक मात्रा शरीर, मन और जीवन किसी के लिए लाभप्रद नहीं है । संतुलित, सात्विक और हल्का भोजन शरीर और मन दोनों को सशक्त बनाता है और उससे जीवनी शक्ति पुष्ट होती है । ' आचार्य महाप्रज्ञ गुरुदेव तुलसी के खाद्य-संयम की साधना से बहुत प्रभावित हैं । वे गुरुदेव के खाद्य-संयम के प्रयोगों के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहते हैं - ' खान-पान के सम्बन्ध में गुरुदेव ने वाणी और मन पर जो नियंत्रण किया, वह आश्चर्य जैसा है। शाक में नमक अधिक या कम हो, दूसरी कोई वस्तु कैसी ही हो, उसके बारे में आहार कर चुकने से पहले कुछ कहना तो दूर की बात है किन्तु चेहरे पर अन्यथा भाव तक नहीं जताते । ' ... अमुक-अमुक वस्तु के खाने या न खाने से शरीर तथा मन पर क्या असर होता है, इसकी लम्बी सूची गुरुदेव के अनुभव में थी। संतों को भी अस्वादवृत्ति की प्रेरणा देते हुए उनका यही स्वर मुखर होता था'भोजन के सम्बन्ध में अधिक चर्चा करना, अच्छा-बुरा कहकर उसमें गृद्ध होना, नाक-भौंह सिकोड़ना, मैं गृहस्थ के लिए भी ठीक नहीं मानता, साधु लिए तो यह सर्वथा अवांछनीय है ।' गुरुदेव ने एकान्तवास एवं विशिष्ट प्रयोगों के अवसर पर खाद्यसंयम पर विशेष बल दिया, जिससे उनकी साधना से मिलने वाली निष्पत्ति सहज साध्य हो गई। हिसार प्रवास में गुरुदेव ने २७ दिन का एकान्तवास किया। अनुष्ठान में केवल सफेद द्रव्य लेने का ही संकल्प था । यद्यपि सफेद खाद्य पदार्थ अनेक होते हैं किन्तु पूज्य गुरुदेव ने केला और दूधइन दो पदार्थों को ही ग्रहण किया। उसकी मात्रा भी स्वल्प थी। दिन भर में
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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