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________________ अध्यात्म के प्रयोक्ता ३३ अवश्य ही मनुष्य को इस संकल्पबल का प्रयोग करना चाहिए ।' पूज्य गुरुदेव ने आहार, विहार एवं जीवन-चर्या से सम्बन्धित भी अनेक प्रयोग किये। उनके आहार सम्बन्धी प्रयोगों की लम्बी श्रृंखला है। उन सबकी न व्यवस्थित सुरक्षा हो पायी है और न ही प्रस्तुति । महाश्रमणी साध्वी प्रमुखाजी ने उनके आहार सम्बन्धी कुछ प्रयोगों को प्रस्तुति दी है। पूज्य गुरुदेव यदि किसी पुस्तक में जीवन संबंधी कोई नयी बात पढ़ते तो तत्काल उसका प्रयोग करने से नहीं चूकते। गुरुदेव तुलसी ने • आयुर्वेद का यह श्लोक पढ़ा नित्यं हिताहारविहारसेवी, समीक्ष्यकारी विषयेष्वसक्तः । दाता समः सत्यपरः क्षमावान्, आप्तोपसेवी स भवत्यरोगः ॥ इस श्लोक के बारे में अपनी अनुभूति व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा - 'जिस दिन मैंने इस श्लोक को पढ़ा, तब से बार-बार अपने जीवन में इन बातों का प्रयोग करता रहा हूँ। इससे मुझे लाभ की अनुभूति हुई है। अनुभवों के आधार पर मैं सबको परामर्श देना चाहता हूँ कि महर्षि चरक द्वारा परीक्षित इन तथ्यों का प्रयोग किया जाये तो स्वस्थ रहा जा सकता है।' एक बार पूज्य गुरुदेव ज्वर से आक्रान्त हो गए। भोजराजजी संचेती (मोमासर) ने गुरुदेव को निवेदन किया कि आप इस बार अन्य किसी प्रकार की औषधि का प्रयोग न करके स्वमूत्र का प्रयोग करें। बिना किसी आग्रह के गुरुदेव ने शिवाम्बु का प्रयोग किया। उसी के गरारे भी किए। प्रयोग से उन्हें बहुत लाभ हुआ। गुरुदेव के प्रयोगधर्मा व्यक्तित्व का सबसे बड़ा राज था- - उनकी ग्रहणशीलता । भयंकर से भयंकर विरोध में भी यदि उन्हें कोई उपयोगी या • महत्त्वपूर्ण बात मिलती तो ग्रहण करने में उनको कोई हिचक नहीं होती थी। उनका मानना था कि मेरे संयमी जीवन का सर्वाधिक सहयोगी और प्रेरक साथी कोई रहा है तो वह है- संघर्ष । यदि मेरे जीवन में इतना संघर्ष नहीं आता तो शायद मैं इतना मजबूत नहीं बन पाता । संघर्ष से मैंने बहुत कुछ सीखा है, पाया है। संघर्ष मेरे लिए अभिशाप नहीं, वरदान साबित हुए हैं"। उनकी इसी ग्रहणशीलता ने उन्हें नए-नए प्रयोगों की ओर उन्मुख किया है। आसन-प्राणायाम आदि के बारे में उनकी स्पष्ट स्वीकारोक्ति थी
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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