________________
साधना के शलाकापुरुष : गुरुदेव तुलसी
२८
उस मार्ग पर प्रस्थित किया। उन्होंने जनता को यह प्रशिक्षण दिया कि आध्यात्मिकता किसी धर्मग्रंथ या धर्मस्थान में बंदी नहीं हो सकती। उसका अनुबंध अंतश्चेतना की क्रांति से है । व्यक्ति भौतिक शक्ति को प्राप्त करने जितना परिश्रम करता है, उसका शतांश भी यदि आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने में लगाए तो विश्व का नक्शा परिवर्तित हो सकता है।"
अध्यात्म की अनुपम मशाल थामे उम्र के नवें दशक में भी गुरुदेव तुलसी आध्यात्मिक प्रेरणा देने में स्वयं को तरुण समझते थे। उनके द्वारा प्रज्वलित अध्यात्म की दीपशिखा युग-युग तक मानव-जाति का मार्गदर्शन करती रहेगी, यह अतिरंजना नहीं है।