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________________ १०९ अध्यात्म के प्रयोक्ता गुरुदेव ने स्मित मुस्कान के साथ कहा- 'यह पूछो सोए कब ? आज की रात सोने की नहीं, जगकर आत्मचिंतन करने की थी । ' प्रतिदिन के आत्मचिंतन के क्रम को भी वे कभी टूटने नहीं देते थे क्योंकि उनका विश्वास था कि दर्पण में चेहरा देखने पर जैसे उसकी सुन्दरता और असुन्दरता के विषय में स्पष्ट आभास होता है और उसको संवारने में मनुष्य समर्थ होता है, उसी प्रकार आत्म-निरीक्षण अपनी योग्यताअयोग्यता अथवा न्यूनता का साफ प्रतिबिम्ब सामने ला देता है, जिससे व्यक्ति को आत्म-सुधार करने का पर्याप्त अवकाश मिल जाता है । आत्मालोचन के संदर्भ में उनका यह वक्तव्य मार्मिक एवं प्रेरक है'पश्चिम रात्रि में अनेक बार जल्दी नींद खुल जाती है... मैं सोचता हूं, तीन बातों का जितना अधिक विकास होगा, उतनी ही साधना में तेजी और निखार आएगा। वे तीन बातें हैं- समता, सहिष्णुता और एकाग्रता । इन 'तीनों के बिना ऊपरी साधना केवल भारभूत है। मैं इन तीनों बातों के लिए संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ना चाहता हूं।' पूज्य गुरुदेव अनेक बार प्रवचन में चतुर्विध संघ के लिये आत्मचिंतन का पाथेय प्रस्तुत करते रहते थे। योगक्षेम वर्ष में चतुर्विध धर्मसंघ को अपने अनुभव के आलोक में आत्मालोचन की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा— ‘आत्मालोचन जीवन-विकास का महत्त्वपूर्ण माध्यम है । हमने इस माध्यम का काफी उपयोग किया है। वैयक्तिक और संघीयदोनों दृष्टियों से हमारे आत्मालोचन का क्रम चला। हम विकास के पथ पर चले, आगे बढ़े, रुके और मुड़कर पीछे देखा । क्यों ? हम समीक्षा करना चाहते थे कि हमने क्या खोया और क्या पाया? आत्मालोचन का दीया जलाकर देखना चाहते थे कि हमने क्या किया है और क्या करना अवशेष है .... हमने जितना आत्मालोचन किया, हमारे चिन्तन, व्यवहार और कार्यक्रमों उसी अनुपात से विकास होता रहा। आज भी हम आत्मालोचन के दीए को हाथ में लेकर आगे बढ़ रहे हैं । ' उनके साहित्य में यत्र-तत्र अनेक ऐसी प्रश्नावलियां देखने को मिलेंगी जो व्यक्ति को भीतर जाकर समाहित होने की प्रेरणा देती हैं। ये यक्ष प्रश्न भीतर के युधिष्ठिर से ही उत्तरित हो सकते हैं।... उनके द्वारा
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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