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________________ अध्यात्म के प्रयोक्ता पूज्य गुरुदेव की एकाग्रता बचपन से ही सधी हुई थी। यही कारण है कि बचपन में उन्होंने २० हजार पद्यों को कंठाग्र कर लिया। एक दिन में ५० से लेकर १०० तक संस्कृत श्लोकों को याद करना उनकी विशिष्ट एकाग्रता की शक्ति का परिचायक था। ___वि.सं. २००० का चातुर्मास गंगाशहर में था। चातुर्मास के बाद शीतकाल में गुरुदेव चोखलों में विहरण कर रहे थे। नाल प्रवास के दौरान गुरुदेव के मन में कुछ नया प्रयोग करने की मानसिकता बनी। बिना कॉपी, कलम के गुरुदेव जैन ऐतिहासिक कथाओं पर स्फुट काव्य की रचना करते। दिन में मन ही मन गुनगुनाते हुए पद्यों की रचना करते और रात्रिकालीन व्याख्यान में उनको जनता के सामने गाकर प्रस्तुत करते और दूसरे दिन उनको लिपिबद्ध करते। उदाई राजा का पूरा व्याख्यान जो 'कुम्हारी की करामात' नाम से प्रसिद्ध है, इसी क्रम से बना। लोग उस व्याख्यान को सुनकर झूम उठते और पूरे दिन जन-जन की जुबान पर इसी की चर्चा सुनी जाती। कुछ अन्य व्याख्यान भी इसी क्रम से रचे गए, जो 'चंदन की चुटकी भली' पुस्तक में प्रकाशित हुए हैं। ऐसा प्रयोग एक आध्यात्मिक व्यक्ति, जिसकी एकाग्रता प्रकर्ष पर पहुंची हुई हो, वही कर सकता है। आज की पीढ़ी निश्चित रूप से एकाग्रता और अद्भुत बुद्धि के इस प्रयोग को पढ़सुनकर चमत्कृत हुए बिना नहीं रह पाएगी। उदारता एवं निस्पृहता का प्रयोग आचार्यपद-विसर्जन के बाद भी उनका नये-नये प्रयोगों का क्रम नहीं छूटा। प्रतिक्षण उनका मानस कुछ न कुछ नए प्रयोग करने के लिए लालायित रहता था। सन् १९९७ में उन्होंने नये प्रयोग की घोषणा की'सन् १९९७ का मर्यादा महोत्सव आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की सन्निधि में चाड़वास में मनाया जाएगा। मैं लाडनूं में ही रहूंगा।' पूज्य गुरुदेव की इस घोषणा ने चतुर्विध धर्मसंघ को स्तब्ध कर दिया। धर्मसंघ ने बार-बार पूज्य गुरुदेव को अपना निर्णय बदलने को कहा पर गुरुदेव अपने निर्णय पर अटल थे। उन्होंने कहा- 'यह हमारा सुचिन्तित प्रयोग है।' तत्क्षण महाश्रमणीजी ने गुरुदेव को निवेदन किया- 'आप प्रयोगधर्मा हैं अतः नए-नए प्रयोग करते ही रहते हैं। पूज्य गुरुदेव ने मुस्कराते हुए फरमाया
SR No.002362
Book TitleSadhna Ke Shalaka Purush Gurudev Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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